बिहार: वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने दिल्ली के एम्स में आज सुबह अंतिम सांस ली. 74 वर्षीय रघुवंश प्रसाद फेफड़े में संक्रमण से जूझ रहे थे और हाल ही में उन्हें कोरोना हुआ था. लंबे वक्त तक आरजेडी में रहे रघुवंश प्रसाद ने ठीक तीन दिनों पहले पार्टी से इस्तीफ़ा दिया था. हालांकि इसके जवाब में लालू यादव ने भी चिट्ठी लिखी और और उनके स्वस्थ होने की कामना की थी. चिट्ठी के अंत में उन्होंने ये भी आश्वस्त करते हुए कहा कि ‘आप कहीं नहीं जा रहे’.
रघुवंश प्रसाद की मौत पर बिहार समेत केंद्र के कई दिग्गज नेताओं ने ट्वीट कर शोक जताया है. सबसे पहले जानते हैं कि लालू प्रसाद ने क्या कहा-
लालू ने ट्वीट करते हुए कहा, 'प्रिय रघुवंश बाबू! ये आपने क्या किया? मैनें परसों ही आपसे कहा था आप कहीं नहीं जा रहे है. लेकिन आप इतनी दूर चले गए. नि:शब्द हूं, दुःखी हूं, बहुत याद आएंगे.'
सीएम नीतीश कुमार ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री व प्रख्यात समाजवादी नेता डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह जी का निधन दुःखद. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें तथा उनके परिजनों और प्रशंसकों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति दें.
तेजस्वी ने लगातार ट्वीट कर शोक संवेदना व्यक्त की. सबसे पहले उन्होंने लिखा कि ’राजद के मजबूत स्तम्भ, प्रखर समाजवादी जनक्रांति पुंज हमारे अभिभावक पथ प्रदर्शक आदरणीय श्री रघुवंश बाबू के दुःखद निधन पर मर्माहत हूं. आप समस्त राजद परिवार के पथ प्रदर्शक, प्रेरणास्रोत व गरीब की आवाज बने रहे. आपकी कमी राजद व देश को सदैव खलेगी.’
उसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट किया, “आदरणीय रघुवंश बाबू. अभी चंद दिन पहले तो एम्स में आपसे बात हुई थी. जल्द स्वस्थ होने की बात पर आपने कहा था जल्द बाहर आकर साथ में कड़ा संघर्ष करेंगे. पिता जी के जेल जाने के बाद आप चंद लोग ही तो ऊर्जा और प्रेरणा देते रहे है. अचानक चले गए आप और मुझे लगभग अकेला कर गए.
एलजेपी प्रमुख और जमुई से सांसद चिराग़ पासवान ने अपने ट्वीट में लिखा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अभिभावक तुल्य श्री रघुवंश प्रसाद सिंह जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है. ईश्वर से मेरी प्रार्थना है कि प्रभु उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे व परिवार को यह पीड़ा सहने की शक्ति दे.
पप्पू यादव ने क्या ट्वीट करते हुए लिखा, बिहार ने आज एक अनमोल रत्न खो दिया. पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश बाबू के निधन से मर्माहत हूं. कोई दूसरा रघुवंश दूर-दूर तक संभव नहीं, आज की राजनीति ऐसा होने ही नहीं देगी. मेरी गहरी संवेदना उनके अपनों के साथ है. आखिरी प्रणाम रघुवंश बाबू. काश अभी न जाते, थोड़ा रुक जाते.
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