पटना:राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटों तेजस्वी और तेजप्रताप यादव पर लगे हत्या के आरोप को सत्ता पक्ष ने आड़े हाथों लिया है. इस चुनावी समर में विपक्ष पर लगे इन आरोपों पर सत्ता पक्ष ने जमकर चुटकी ली, और कहा प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरुरत नही.


क्या है पूरा मामला


मामला राजद के बागी नेता और एससी-एसटी प्रकोष्ठ के पूर्व सचिव शक्ति मालिक हत्याकांड से जुड़ी है. तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव और राजद नेता कालो पासवान सहित 6 लोगों के खिलाफ पूर्णिया के केहट थाने में जो मामला दर्ज कराया गया है. उसमें इन लोगों के खिलाफ 302, 324, 120 (B) समेत आईपीसी की अन्य धाराएं है. यानी कि हत्या करने और हत्या कराने की साजिश में शामिल होने के आरोप इन नेताओं के ऊपर लगाया गया है.


इस हत्या मामले पर जेडीयू हुआ हमलावर


राजद के बागी नेता और एससी-एसटी प्रकोष्ठ के पूर्व सचिव शक्ति मालिक हत्याकांड पर जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने राजद को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हमारी पार्टी तो पहले से हीं कहती आ रही है, कि राजद सीटों का सौदा पैसे लेकर करती है और अब इस हत्या के पहले मृतक ने विडियो जारी कर इसकी पुष्टि भी कर दी है.ऐसे में बिहार की जनता को जब प्रत्यक्ष हीं मिल गया है तो फिर प्रमाण की क्या आवश्यकता है.


राजद ने आरोपों पर दी सफाई


तेजस्वी,तेज पर लगे हत्या के आरोप पर राजद के राज्य सभा सांसद मनोज झा ने दी सफाई. कहा ये सबको सोचना चाहिए कि ये क्यों हो रहा है. जब तेजस्वी ने हाथरस मुद्दे पर आवाज़ उठाई तो दलित राजनीति शुरु हुआ. सत्तारूढ़ दल की ये साजिश है, होने दीजिए जांच हो जाएगा दूध का दूध, पानी का पानी.
इस हत्याकांड में पुलिस तमाम पहलुओं पर जांच कर रही है. यहां तक की जो विडियो जारी हुआ है उसकी प्रमाणिकता भी जांची जा रही है. पूरी घटना में हत्यारा कौन है ये तो जांच के बाद हीं पता चलेगा लेकिन इतना तो साफ है कि इस चुनावी माहौल में सत्ता पक्ष को विरोधियों पर हमले के लिए एक मुद्दा जरुर मिल गया है.