पटना: जेडीयू छोड़ आरजेडी का दामन थामने वाले श्याम रजक की ओर से मुख्यमंत्री और जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को दलित विरोधी बताए जाने बाद जेडीयू के दलित नेताओं ने श्याम रजक समेत विपक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. शनिवार को जदयू कार्यालय में नीतीश कुमार के कैबिनेट के चार दलित मंत्री अशोक चौधरी, महेश्वर हजारी, संतोष निराला, रमेश ऋषिदेव और विधानसभा सदस्या प्रेमा चौधरी ने ज्वाइंट प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन कर नीतीश को दलित हितैषी बताया. वहीं इस दौरान मंत्री अशोक चौधरी मीडिया के सवालों से बचते दिखे.
अशोक चौधरी ने कहा, " नीतीश कुमार देश के पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने दलितों के आरक्षण को लेकर सबसे पहले आगे आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान आकृष्ट किया. पंचायती राज में भी नए नेतृत्व को लाने का काम किया. आजाद हिंदुस्तान में पहली घटना है कि कोई दलित दो बार विधानसभा अध्यक्ष रहा हो. नीतीश कुमार से बड़ा कोई दलित हितैषी है ही नहीं."
इस दौरान उन्होंने श्याम रजक पर निशाना साधते हुए कहा, " पॉलिटिकल लोग पार्टी छोड़कर गए तो उन्होंने नीतीश कुमार को दलित विरोधी बताया. तो जो दलित प्रेमी हैं उसका जवाब देने यहां उपस्थित हैं. हम यहां काम गिना रहे हैं, जब किसी को 11 साल लगा दलित विरोधी समझने में. NCRB के आंकड़ो में कमी भी आई है, पिछले 15 साल और अभी के 15 साल के आंकड़ो में कमी आई है."
इधर, महेश्वर हजारी ने कहा, " मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासनकाल के पहले किसी दलित नेता ने कभी सपना भी नहीं देखा था कि मुखिया बनेंगे, नगर परिषद में अध्यक्ष होंगे. लेकिन उन्हें नीतीश कुमार ने आरक्षण देकर उठाने का काम किया, दलित को मुख्यमंत्री की कुर्सी देने का काम किया. अभी जो लोग MY संमिकरण पर कूद रहे हैं तो उन्हें बता दूं कि यादव के सबसे बड़े लीडर रामलखन यादव के परिवार के लोग हमारे पार्टी में, चंद्रिका राय हमारे पार्टी में, मुस्लिम समुदाय के फराज फातमी हमारे दल में शामिल हुए. हमारी पार्टी ने सभी जातियों को साथ लेकर चलने का काम किया है और आगामी चुनाव में हम 200 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करेंगे."
हाल ही में आरजेडी छोड़ कर जेडीयू में शामिल हुई एमएलए प्रेमा चौधरी ने कहा, " बड़े जद्दोजहद झेलने के बाद अतिपिछड़ा और पिछड़ा को ठगा गया और हम झेलते रहे. मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेहरे पर जीत कर आई थी, मैं जब भी फील्ड में गई लोगो ने पूछा आपके नेता लालू जी ने क्या किया, नीतीश सरकार के दलित के प्रति प्रेम देखकर ही जेडीयू में आई. पूरे बिहार के लोग जानते हैं कि आरजेडी के नेतृत्वकर्ता क्या हैं?"
प्रेमा चौधरी ने कहा, " मुख्यमंत्री ने कन्या उत्थान योजना लाई, लोगों को आरक्षण देकर नौकरी दी, लड़कियों को साइकिल दिया, पंचायती राज में आरक्षण दिया. यहां तक की महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया. आज पिछड़े वर्ग के छात्रों को पैसे मुहैया कराई जाती है, बीपीएससी-यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों को भी आर्थिक मदद दी जा रही है. वहां दलित समाज का कोई नेता नहीं है, जगजीवन राम को प्रधानमंत्री नहीं बनने दिया पर यहां मांझी जी मुख्यमंत्री बने. हम आने वाले चुनाव में 200 से अधिक सीट पर जीतेंगे और महागठबंधन 8 से 10 सीट पर सिमट कर राह जाएगी."
इधर, संतोष निराला ने कहा, " 2005 में दलितों के लिए क्या बजट था और आज क्या है. आज साढ़े 17 करोड़ रुपये हैं. मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना पिछड़ी जातियों के रोजगार का कारण बनी. आज वो चार-चक्का गाड़ी से घूम रहे हैं. मुख्यमंत्री उद्यमी योजना में मुख्यमंत्री ने दलितों को शिक्षा देने से लेकर उद्योगपति बनाने तक की योजना है. उन्हें इसके लिए 10 लाख लोन देय है जिससे वो उद्योग लगा कर पैसों का सृजन कर सकें. महादलित विकास मिशन की स्थापना की जिसमें दलित के सभी कड़ी का अध्ययन कर वो कैसे विकास करेंगे वो देखा जाता है.
उन्होंने कहा, " बाबा साहेब के सपने को नीतीश कुमार ने पूरा किया. बिहार की जनता सब देख रही है कौन केवल जाति धर्म का नाम लेकर सत्ता हथियाने की चाहत रखते हैं. लेकिन नीतीश कुमार ने दलितों को कहा है कि जबतक मैं रहूंगा दलितों पर कोई आंच नहीं आने दूंगा."