(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Caste Census: 'गठबंधन बदला तो जातीय गणना पर मौन हो गए', नीतीश कुमार पर कांग्रेस का आरोप, कहा- ' उन पर बीजेपी का दबाव'
Caste Census: देश में जातीय गणना पर सियासी घमासान मचा है. विपक्ष नीतीश कुमार पर इस मुद्दे को लेकर चुप्पी साधने का आरोप लगा रहा है, वहीं बीजेपी नेता राहुल गांधी से उनकी ही जाति पूछ बैठे हैं.
Opposition Party Attack On Nitish Kumar: देश में जातीय आधारित गणना की हवा को दिशा जिसने दी वो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं. इस मुहिम को धार देने के लिए नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सर्वदलीय मुलाकात की थी. बिहार में एनडीए की सरकार रहते हुए सीएम नीतीश जातीय गणना के लिए अडिग थे और पूरे देश मे गणना करवाने की मुहिम में लगे हुए थे. बिहार में सियासी हालात बदले और नीतीश की मुहिम बिहार में ही सिमट कर रह गई. साल 2023 में महागठबंधन के साथ नीतीश कुमार जब सरकार चला रहे थे तो बिहार सरकार ने अपने खजाने से जातीय अधारित गणना प्रदेश में करवाया. ये गणना खत्म होते ही क्रेडिट पॉलिटिक्स शुरू हुई.
क्रेडिट पॉलिटिक्स के बीच ही बिहार का सियासी समीकरण फिर बदल गया और नीतीश कुमार एनडीए में आ गए. नीतीश कुमार के एनडीए में आते ही जातीय आधारित गणना की मुहिम ठंडे बस्ते में चली गई. देश में लोकसभा चुनाव के पहले फिर इस मुद्दे को राहुल गांधी ने उठाया और भारत जोड़ो यात्रा पर निकले. आज जब देश में एनडीए की मजबूत मोदी सरकार है तो विपक्ष ने सड़क से लेकर संसद तक इस मुद्दे पर के केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. संसद के बजट सत्र में राहुल और अखिलेश की जोड़ी लगातार इस मुद्दे पर सरकार को घेर रही है तो वहीं अब इसकी आग बिहार में नीतीश कुमार को ताप रही है.
नीतीश कुमार पर विपक्ष का जोरदार हमला
दरअसल बिहार में इंडिया अलायन्स के नेताओं ने नीतीश कुमार को सत्ता की मलाई खाने वाला डरपोक बताया है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जातीय गणना पर जेडीयू मुखर हो ही नहीं सकती है. जेडीयू नरेंद्र मोदी से डर गई है जेडीयू जब बिहार में हम लोग के साथ था तो राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के डर से जाति आधारित गणना करवाई, लेकिन अब नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी के साथ हैं तो क्यों मुंह नहीं खुल रहा. मुंह नहीं खुलने का कारण यह है कि नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार को साफ मना कर दिया है कि हम जातीय जनगणना नहीं करवाएंगे वहीं राहुल गांधी ने संसद में कहा कि मुझे अर्जुन की तरह आंख दिखाता है और राहुल गांधी ने स्पष्ट कहा है हम जातीय जनगणना करेंगे और दलितों को शोषितों को अति पिछड़ों को और गरीब सवर्णो को उनका अधिकार दिलाएंगे.
दलितों, शोषितों, अति पिछड़ों की बात करने पर राहुल गांधी को संसद में बीजेपी के लोग गाली दे रहे हैं. ऐसे लोगों के बीच नीतीश कुमार चुप हैं. नीतीश कुमार को बीजेपी ने उनकी हैसियत बता दी है. नीतीश कुमार महागठबंधन में थे तो बिहार सरकार ने अपने खर्चे से जातीय जनगणना कराई. दलितों के पिछड़ों की वकालत करने वालों को बीजेपी गाली दे रही है और नीतीश कुमार मौन होकर सुन रहे हैं. जहां कांग्रेस ने नीतीश कुमार पर मौन होने का आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी के सामने मुंह नहीं खोल सकते वहीं राष्ट्रीय जनता दल ने भी नीतीश कुमार पर तीखा प्रहार किया है.
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार में जातीय गणना लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव की मांग पर हुई है. बिहार से जब सर्वदलीये प्रतिनिधि मंडल पीएम मोदी से मिलने गया था, उस समय तेजस्वी यादव विपक्ष के नेता थे, दिल्ली जाकर नीतीश कुमार ने पीएम मोदी से कहा था कि हम लोग तेजस्वी यादव की मांग पर आए हैं. पूरे देश में इस जनगणना को करना चाहिए पीएम मोदी ने यह बात नहीं मानी तो तेजस्वी यादव के दबाव में बिहार सरकार ने अपने खर्चे पर यह गणना करवाई. हम लोग सरकार में आए तो जल्द से जल्द पूरा काम करवाया गया.
मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जब काम पूरा हुआ तो बीजेपी वालों ने इसमें अड़गना लगाना शुरू कर दिया. तेजस्वी यादव ने ही मांग की थी कि जातीय आधारित गणना को नौंवी अनुसूची में डाला जाए. जातीय गणना के खिलाफ कौन कौन लोग हैं यह सब कोई जानता है. नीतीश कुमार की चुप्पी पर मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार सत्ता की मलाई खा रहे हैं और इस पंचर एनडीए की सरकार में चीपी लगाने का काम जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की पार्टी कर रही है. नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के दबाव में गणना तो करवाए लेकिन बीजेपी केपास जाते ही दबाव में हैं और अब पूरा देश जान चुका है कि भारतीय जनता पार्टी जातीय गणना के विरोध में है, इसीलिए नहीं करवा रहे. आरजेडी ने साफ कह दिया कि बीजेपी जातीय गणना की विरोधी है अब नीतीश कुमार चुप सिर्फ इसलिए हैं क्योंकि उन्हें सत्ता में रहना है और यही कारण है कि वह बीजेपी के हां में हां मिला रहे हैं.
जहां कांग्रेस और आरजेडी नीतीश कुमार पर दबाव की बात कर रही है, वहीं जेडीयू भी इस मामले पर ज्यादा बोलती नजर नहीं आ रही है. बिहार सरकार के मंत्री और जेडीयू नेता रत्नेश सादा ने कहा कि जब देश में कांग्रेस की सरकार थी उस समय से ही जातीय जनगणना की मांग चली आ रही है. कांग्रेस सरकार में थी विपक्ष के लोग मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार इसे ठुकरा दे रही थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने दम पर इस जनगणना को बिहार में करा के दिखा दिया, लेकिन यूपीए की सरकार ने नहीं किया और अब बेवजह संसद के अंदर इस मुद्दे को उठा रहे हैं. बिहार में जातीय गणना पर जेडीयू क्रेडिट तो ले रही है, लेकिन देश में जातीय गणना हो इस मामले पर चुप्पी साध चुकी है.
बिहार सरकार के मंत्री रत्नेश सदा से जब सवाल पूछा गया कि क्या देश में जाति आधारित गणना होना चाहिए तो उन्होंने साफ कह दिया कि इसे केंद्र देखेगा. यह सांसद और केंद्र की बात है यह उनके ऊपर निर्भर करता है. रत्नेश सदा ने आगे कहा कि जेडीयू ने इस जनगणना को बिहार में करके दिखाया है अब केंद्र सरकार को फैसला करना है कि वह देश में इसे करती है या नहीं. बिहार का मिसाल देकर जेडीयू ने अब बीजेपी के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. जहां विपक्ष इस मुद्दे को लेकर संसद में सरकार को घर रहा है वहीं एनडीए के सहयोगी दल के नाते जेडीयू ने साफ कह दिया कि जातीय आधारित गणना करवा कर नीतीश कुमार ने मिसाल पेश की है.
जातीय गणना पर सियासी घमासान
अब केंद्र सरकार इसे देखें कि आगे क्या करना है जाति आधारित गणना पर छिड़ी सियासी घमासान के बीच जब एबीपी ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री दिलीप जायसवाल से जातीय आधारित गणना पर बात की तो उन्होंने कह दिया कि इस मुद्दे पर नेता लोग अपनी दुकान चला रहे हैं. जब सभी राजनीतिक दलों ने एक स्वर में कह दिया कि हम लोग सभी इसके समर्थन में है तो फिर ये नया नाटक कौन कर रहा है. जो नेता इस मुद्दे को उठा रहे हैं उनकी कहीं ना कहीं याददाश्त कमजोर है. विपक्ष के नेता नाटकबाजी कर रहे हैं. यह पॉलिटिशियन लोग भी जो होते हैं अपनी दुकानदारी चलाने के लिए यही सब करते रहते हैं. उन्होंने कहा कि कुछ अच्छा काम क्यों नहीं करते इस तरीके के नेता. देश में कई और मुद्दे हैं उसे क्यों नहीं उठाते. एक ही मुद्दे को साल भर चलाया जाएगा तो जनता बेचारी क्या करेगी?
हालांकि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जाति आधारित गणना से फायदा होगा. किस जाति की कितनी आबादी है, उन लोगों को उस हिसाब से हिस्सा मिलेगा. वहीं बिहार में हुई जातीय गणना पर नीतीश की तारीफ करते हुए दिलीप जायसवाल ने कहा कि बिहार में आरक्षण बढ़ाने का काम और जातीय जनगणना नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही हुआ है. जातीय जनगणना पर जहां इंडि अलाइंस एकजुट होकर नीतीश कुमार पर बीजेपी का दबाव बता रही है वहीं बीजेपी नीतीश कुमार के बिहार में हुई जातीय गणना को एक मॉडल कह रही है. संसद में एक तरफ जहां जातीय गणना को लेकर सियासी राग तेज है. राहुल गांधी और अखिलेश यादव इस मुद्दे पर सरकार को घर रहे हैं, वहीं जेडीयू भी धीमे आवाज में जातिगत गणना देश में हो इस पर बल लगा रही है.