Army Reinstatement: सेना बहाली में जाति प्रमाण पत्र पर फिर सियासत शुरू, JDU नेता ने राजनाथ सिंह से मांगा स्पष्टीकरण
सेना बहाली में जाति प्रमाण पत्र को लेकर फिर से सियासत शुरू हो गई है. एनडीए में शामिल जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने रक्षा मंत्री से स्पष्टीकरण मांगा है.
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पटना: सेना बहाली में जाति प्रमाण पत्र को लेकर फिर से सियासत शुरू हो गई है. बिहार एनडीए (Bihar NDA) में शामिल जेडीयू के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) से इसपर स्पष्टीकरण मांगा है. उन्होंने कहा कि सेना की बहाली में जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है, जब इसमें आरक्षण का कोई प्रावधान ही नहीं है. संबंधित विभाग के अधिकारियों को स्पष्टीकरण देना चाहिए.
बता दें कि सेना बहाली में आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेजों की सूची जारी की गई है, जिसमें मूल निवासी प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, स्कूल प्रमाण पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेज मांगे गए हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने सेनाभर्ती के इस आवेदन सूचना को शेयर किया है, जिसमें अंकित जाति प्रमाण पत्र और धर्म प्रमाण पत्र के कॉलम को हाइलाइट करते हुए जेडीयू के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ट्वीट कर लिखा है, "माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी, सेना की बहाली में जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है, जब इसमें आरक्षण का कोई प्रावधान ही नहीं है. संबंधित विभाग के अधिकारियों को स्पष्टीकरण देना चाहिए.
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अग्निपथ योजना के तहत होगी भर्ती
बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने हाल ही में सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना का ऐलान किया, जिसके तहत चार साल के लिए सेना में अग्निवीरों की भर्ती की जानी है. इनमें से 25 फीसदी अग्निवीरों को सेना के स्थाई काडर में भर्ती कर दिया जाएगा. वहीं, योजना के मुताबिक चार साल की सेवा पूरी करने होने पर 75 फीसदी अग्निविरों को सेवा निधि देकर सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा. इसको लेकर देश भर में हिंसक प्रदर्शन हुआ था, जिसका सबसे ज्यादा असर बिहार में देखा गया. तब भी एनडीए में शामिल जेडीयू ने इसका विरोध किया था.
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