पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को पटना में एससी/एसटी कल्याण अधिनियम 1995 के तहत गठित सतर्कता और मोनिटरिंग कमिटी की बैठक में अधिकारियों को यह निर्देश दिया था कि वो तत्काल राज्य में एससी/एसटी वर्ग के व्यक्ति की हत्या होने पर पीड़ित परिवार के किसी सदस्य को नौकरी देने के लिए नियम बनाएं. अब इस मुद्दे पर सूबे में राजनीति शुरू हो गई. पक्ष-विपक्ष इस मुद्दे को लेकर आमने सामने हैं और जमकर बयानबाजी की जा रही है.


तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश पर साधा निशाना


इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार तो हत्या को प्रोमोट कर रहे हैं. पिछड़ी जाति और सवर्ण परिवार के किसी सदस्य की हत्या होती है तो उनके परिवार में नौकरी क्यों नहीं दी जाएगी? इस ऐलान से उनके दोहरे चरित्र का पर्दाफाश हो गया है.


एलजेपी ने आरजेडी से मिलाया सुर


इधर, एनडीए में रहते हुए भी जेडीयू को टारगेट कर रहे एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी के मीडिया प्रभारी ने तेजस्वी के सुर में सुर मिलाए कहा सवर्णों, पिछड़े और अती पिछड़े के साथ भेदभाव क्यूं ? मीडिया प्रभारी कृष्ण सिंह कल्लू ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि ये किस प्रकार की राजनीति है? क्या बिहार में स्वर्ण, पिछड़ा और अति पिछड़ा समुदाय के लोग नहीं रहते? उनके साथ ऐसा भेद भाव क्यों?


जीतन राम मांझी ने किया पलटवार


इधर, नीतीश कुमार का हाथ मजबूत करने एनडीए में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने दलित परिवार के सदस्य की हत्या होने पर परिवार को नौकरी देने के सरकार के फैसले पर विपक्ष के सवाल उठाने को लेकर पलटवार किया है. उन्होंने कहा, " इस कानून पर सवाल उठाने वाले पहले पढ़ाई-लिखाई करें. ये कानून केन्द्र सरकार ने दशकों पहले बनाया था लेकिन लालू यादव ने लागू होने नहीं दिया. दलितों का नरसंहार करवाने वालों को अब दलितों की नौकरियों से डर लग रहा है. लालू परिवार नहीं चाहता है कि कचरा साफ करने वाला, टॉयलेट धोने वाला सरकारी नौकरी करे, काश वैसे टॉयलेट साफ करने वाले के घर में पैदा होतें तो उनका दर्द समझतें. "


राजीव रंजन ने तेजस्वी पर बोला हमला


इधर, जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा, " बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से दलितों और आदिवासियों के लिए किए गए एलान से बौखलाए तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर हमला करने के चक्कर में मानवीय मूल्यों को आहत किया है. तेजस्वी यादव का ताजा बयान दलित-आदिवासी विरोधी है. वहीं, पलायन और बेरोजगारी की स्थिति लालू यादव और राबड़ी देवी के शासन से बेहतर है. इसीलिए इन मुद्दों को वह नहीं छेड़े,तो बेहतर होगा."