पटना: बिहार के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में बीते दिनों जो हिंसा हुई और हिंसा के बाद राजनीतिक घटनाक्रम सामने आई उस पर अब भी विवाद जारी है. किसान समेत आठ लोगों के हिंसा में मारे जाने के बाद जिस तरह से विपक्ष के नेताओं खासकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने प्रतिक्रिया दी और मृतक किसान परिजनों से मिलने पहुंचे, उस पर सत्ता पक्ष के नेताओं ने तंज कसना शुरू कर दिया है. इसी क्रम में बीजेपी (BJP) के फायर ब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने राहुल गांधी के लखीमपुर खीरी दौरे पर तंज कसा है.
पॉलिटिक्स करने जाते हैं कांग्रेस नेता
दौरे को पॉलिटिकल स्टंट करार देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, " राहुल गांधी किसानों की आड़ में लखीमपुर गए लेकिन जो पत्रकार मरे, जो अन्य लोग मरे उनके पास नहीं गए. कश्मीर में अभी लोग मरे, वहां तो नहीं गए. जहां-जहां पॉलिटिकल टूरिज्म दिखता है, ये विपक्ष और कांग्रेस वहां पॉलिटिक्स करने जाते हैं, सांत्वना देने नहीं जाते."
क्या है पूरा मामला?
मालूम हो कि बीते रविवार को तय कार्यक्रम के तहत सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Mauya) यूपी के लखीमपुर खीरी के दौरे पर थे. उन्हें रिसीव करने के लिए गाड़ियों का काफिला पहुंचा था, जो केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा (Ajay Mishra) के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की बताई गई हैं.
हालांकि, कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से पहले ही किसानों ने तिकुनिया इलाके में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था. इस वजह से हिंसा भड़क गई. घटना के बाद ऐसा आरोप लगाया गया था कि आशीष मिश्रा ने किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी, जिससे 4 किसानों की मौत हो गई. किसानों की मौत के बाद हिंसा और ज्यादा भड़क गई. इस हिंसा में बीजेपी नेता के ड्राइवर समेत चार लोगों की मौत हो गई. कुल मिलाकर लखीमपुर खीरी हिंसा में आठ लोगों की मौत हुई, जिसमें किसान, पत्रकार, ड्राइवर समेत अन्य लोग शामिल हैं.
इस घटना के बाद विपक्ष को जैसे सरकार को घेरने का मौका मिल गया. सपा नेता अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav), कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत कई अन्य नेता मृतक किसानों के परिवार से मिलने पहुंचे. लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उन्हें ऐसा करने से रोक दिया गया. हालांकि, काफी विवाद के बाद वे पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और उन्हें सांत्वना दिया. हालांकि, विपक्ष की गतिविधि को सत्ता पक्ष पॉलिटिकल स्टंट करार दे रहा है.
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