पटना: गंडक नदी के बढ़े हुए जलस्तर ने उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों में तबाही मचा रखी है. नदी के बढ़े जलस्तर की वजह से कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. वहीं अभी जलस्तर में कामी आने के कोई संभावना नहीं हैं. बिहार जल संसाधन विभाग के प्राधन सचिव संजीव हंस ने बताया कि गंडक में आज आधी रात के बाद डिस्चार्ज बढ़ने की संभावना है और यह स्थिति 28 तारीख की मध्यरात्रि तक रहेगी.
उन्होंने बताया कि " रेवाघाट में 1986 का पीक 5 सेमी से पहले ही पार हो गई है. कल 6 बजे सुबह तक 3.49 लाख क्यूसेक और कल दोपहर 12 बजे तक 3.72 लाख क्यूसेक डिस्चार्ज की संभावना. दरअसल, बिहार में पहली बार गणितीय मॉडल, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करता है, इसके इस्तेमाल से इस तरह की सूचना प्राप्त की जा रही है, जो अब तक सटीक रही है."
संजीव हंस ने बताया कि गणितीय मॉडल का फायदा जिलों के डीएम और आपदा प्रबंधन विभाग को सतर्क होने में मिल रहा है. साथ ही इससे लक्षित और समयबद्ध तरीके से राहत कार्य संचालित करने और लोगों को समय रहते सुरक्षित स्थानों में ले जाने में मदद मिल रही है.
उन्होंने बताया कि बेतिया डीएम को 12-16 घंटे की अग्रिम सूचना है. ठीक उसी तरह गोपालगंज डीएम के पास अब सभी काम करने के लिए 36-42 घंटे की अग्रिम सूचना है. इस तकनीक की वजह से लोगों के जान की रक्षा की जा रही है और मौतें कम हुई हैं.