मधुबनी: तीन पद्मश्री, पच्चीस नेशनल, एक सौ राज्य पुरस्कारों से सम्मानित कलाकारों वाले मधुबनी के जितवारपुर गांव में नेताओं का प्रवेश वर्जित है. गांव के बाहर लगे होर्डिंग मे लिखा है कि राजद विधायक फैयाज अहमद लापता हैं, भाजपा सांसद अशोक यादव लापता हैं. इस गांव में सभी दल के नेताओ का प्रवेश वर्जित है. गांव में लगे पोस्टर में लिखा है किसी भी राजनीतिक दल के कार्यकर्ता नेता गांव में प्रवेश ना करें.


कलाकारों के गांव शिल्पग्राम का बुरा हाल


जिला मुख्यालय से सटे इस गांव को मधुबनी पेंटिंग के हब के रूप में पहचाना जाता है. गांव मे अबतक मधुबनी पेंटिंग के क्षेत्र मे तीन महिलाओं को पद्मश्री, पच्चीस से अधिक को नेशनल और सौ से अधिक कलाकार को स्टेट अवार्ड मिल चुका है. गांव में दो हजार से अधिक कलाकर हैं. गांव की ज्यादतर आबादी मधुबनी पेंटिंग बनाती है. यही इनका मुख्य व्यवसाय है. पिछले वर्ष इस गांव को क्राफ्ट विलेज बनाने की घोषणा की गयी थी. तत्कालीन जिला पदाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने इस दिशा में काफी प्रयास किया था और कुछ काम का शुरूआत भी किया था लेकिन उनके ट्रांसफर के साथ ही गांव का विकास ठप्प हो गया.


विधायक और सांसद के लापता होने का लगा पोस्टर


अब जब सारे विकास के काम रुक गए हैं तो कलाकर एकजुट होकर प्रतिनिधियों का विरोध करने लगे हैं. नाला सड़क जैसी मूलभूत समस्याओं से परेशान कलाकारों ने गांव के मुख्य द्वार पर वोट बहिष्कार का पोस्टर लगा दिया है. स्टेट अवार्डी रेमंत कुमार मिश्रा ने कहा हमलोगों के साथ छल किया गया है. हमारे गांव का विकास ठप्प पड़ा हुआ है.


चाय-नाश्ता तक का नहीं मिला पैसा


वहीं एक अन्य कलाकर प्रभाकर कुमार ने बताया कि शुरूआत में हमें बताया गया कि आप अपने गांव को सजाइये, चाय-नाश्ता का रुपया मिलेगा लेकिन काम तो महीनों तक कराया गया लेकिन चाय-नाश्ता तक का पैसा नहीं दिया गया. इधर, एक कलाकर ने बताया कि हमारे यहां मजबूत नेता नहीं हैं, इसलिए हमारे कामों को पीछे रखा जाता है. लेकिन अब बहुत हो गया हम बर्दाश्त नहीं करेंगे.


हालांकि देर शाम विधायक और सांसद के लापता होने का पोस्टर किसी ने वहां से गायब कर दिया. अब ये देखना है कि प्रशासन इसकी सुधि कब लेता है.