जहरीली शराब कांड पर बोले CM नीतीश के मंत्री- शराबबंदी के पहले भी होती थीं मौतें, दोनों को जोड़ना ठीक नहीं
मंत्री सुनील कुमार ने कहा, " ऐसा पाया गया है कि आर्थिक रूप से मजबूत नहीं होने के कारण लोग गलत सामान पीते हैं, जिससे मौतें होती हैं. जहरीली शराब से मौत का कारण शराबबंदी नहीं है."
![जहरीली शराब कांड पर बोले CM नीतीश के मंत्री- शराबबंदी के पहले भी होती थीं मौतें, दोनों को जोड़ना ठीक नहीं 'Poverty is reason of death due to poisonous liquor', strange statement of CM Nitish's minister Sunil kumar on prohibition ann जहरीली शराब कांड पर बोले CM नीतीश के मंत्री- शराबबंदी के पहले भी होती थीं मौतें, दोनों को जोड़ना ठीक नहीं](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/01/31/c0310fa3f3ea7447087a00c48fbad75a_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
पटना: बिहार में लागू शराबबंदी कानून पर जारी विवाद के बीच मद्य निषेध विभाग के मंत्री सुनील कुमार (Sunil Kumar) ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने राज्य में बीते कुछ महीनों में हुए जहरीली शराब कांड पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि राज्य में पहले भी लोगों की जहरीली शराब से मौत हुई है. ऐसे में इन घटनाओं को साल 2016 में लागू शराबबंदी कानून से जोड़ कर देखना सही नहीं है. इन घटनाओं का शराबबंदी से कोई लेना देना नहीं है. ये बात अलग है कि कानून होने के बाद भी ऐसा हो रहा. ऐसे में सभी बातों को ध्यान में रखते हुए कानून में संशोधन की तैयारी चल रही है.
आर्थिक कमजोरी मौत की असली वजह
पीसी के दौरान मंत्री ने कहा, " बिहार में पूर्ण शराबबंदी को सफल बनाने के लिए विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है. लेकिन पिछले कुछ महीनों में राज्य में जहरीली शराब से जो मौतें हुईं हैं, इस पर कुछ भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं. कुछ राजनीति दल इसे शराबबंदी से जोड़कर अफवाह फैला रहे हैं. साथ ही गलत बयानबाजी हो रही है. बिहार में साल 2016 में शराबबंदी हुई है. लेकिन उससे पहले भी तो बिहार और बिहार के बाहर भी जहरीली शराब से मौतें हुईं हैं. अभी जो जहरीली शराब से मौतें हुईं हैं, उसका शराबबंदी से कोई लेना देना नहीं है."
अगर आपको भी है ईयरफोन लगाने की लत तो पढ़ें ये खबर, बिहार में सामने आई चौंकाने वाली घटना
सुनील कुमार ने कहा, " ऐसा पाया गया है कि आर्थिक रूप से मजबूत नहीं होने के कारण लोग गलत सामान पीते हैं, जिससे मौतें होती हैं. जहरीली शराब से मौत का कारण शराबबंदी नहीं आर्थिक कमजोरी है. उससे ही मौतें होती हैं. लोग सस्ते में नकली शराब बेचते हैं. जो पीकर लोग मरते हैं. इस मामले को पूर्ण शराबबंदी से जोड़ना उचित नहीं है."
मंत्री ने पुराने आंकड़े किए पेश
उन्होंने बताया कि साल 2016 से पहले बिहार में शराब की बिक्री चालू थी. उस वक्त साल 2012-13 में भोजपुर जिले में 21 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हुई थी. गया जिले में 12 लोगों की मौत हुई थी. सारण में 6 लोगों की जहरीले शराब से मौत हुई थी. मोतिहारी में 5 लोगों की मौत हुई थी .कैमूर में 4 लोगों की मौत हुई थी. वहीं, गोपालगंज में 2000 से 2007 के बीच 18 लोगों की शराब पीने से मौत हुई थी. कटिहार में 1998 में 33 लोगों की जहरीली शराब से मौत हुई थी.
मंत्री ने कहा कि शराबबंदी को लेकर हम जागरूकता अभियान चला रहे हैं. साथ ही साथ प्रशासनिक स्तर से कार्रवाई की जा रही है. वहीं, जो कानून पालन कराने में कोताही बरत रहे उन्हें भी नहीं बख्शा जा रहा है. सवा दो सौ पुलिस कर्मियों को बर्खास्त किया गया है. 16 नवंबर, 2021 की समीक्षा के बाद पुलिस एवं उत्पाद विभाग ने कुल सर 1,39,498 छापेमारी की है और 22,803 गिरफ्तारियां की हैं साथ ही 2,999 गाड़ियां जब्त की गई हैं.
संशोधन के संबंध में कही ये बात
वहीं, पीसी के अंत में उन्होंने शराबबंदी कानून के संशोधन पर बोलते हुए कहा कि जो घटना हुई है, उस पर अनुसंधान किया गया है. संशोधन पर विचार किया जा रहा है. बदलाव करनी होगी तो करेंगे, अभी से बोलने का कोई मतलब नहीं है.
यह भी पढ़ें -
Bihar Politics: JDU नेता ने बताई सहनी की 'हैसियत', कहा- VIP अभी इतनी भी बड़ी नहीं कि कर दे सत्ता पलट
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)