पटना: बिहार में शराबबंदी से हुई मौतों को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. चारों ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार निशाने पर हैं. इधर, गुरुवार को चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant  Kishor) ने बड़ी मांग करते हुए शराबबंदी योजना को विफल करार देने और 48 घंटे के अंदर रद्द करने की मांग की है. इस दौरान उन्होंने बीजेपी, नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और तेजस्वी यादव तीनों पर निशाना साधा और सबको शराबबंदी की विफलता के लिए जिम्मेदार ठहराया है. इसके साथ ही उन्होंने अभी ही तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही है ताकि जनता उनका कार्य अभी से देखकर 2025 में फैसला करे.


शराबबंदी पर मुखर आवाज मैंने उठाई


प्रशांत किशोर ने कहा कि शराबबंदी पर सबसे मुखर आवाज मैंने उठाई है. बीजेपी और आरजेडी सत्ता में आते ही चुप हो जाते हैं. बीजेपी को घेरते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि अब कोई बीजेपी से सवाल नहीं कर रहा कि जब आप सरकार में थे आपने शराबबंदी के लिए हटाने के लिए क्या काम किया. इसके साथ ही प्रशांत ने कहा कि बिहार में जितने भी दल हैं उन्हें शराबबंदी को लेकर अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए. इसके साथ ही तेजस्वी यादव को आड़े हाथ लेते हुए प्रशांत किशोर ने कहा जब आरजेडी और तेजस्वी यादव विपक्ष में थे तब शराबबंदी पर नीतीश सरकार को घेर रहे थे. अब ये खुद सरकार चला रहे हैं तो इन्हें शराबबंदी सही लग रहा है.


नीतीश के इर्द गिर्द रहने वाले लोग खुद शराब पीते हैं


जन सुराज पदयात्रा के 75वें दिन नीतीश कुमार पर हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द रहने वाले लोग खुद शराब पीते हैं. फिर नीतीश कुमार के सामने लंबी-लंबी बातें करते हैं. जो भी नीतीश कुमार को जानते हैं वे सब इस बात से परिचित हैं कि उनके इर्द-गिर्द जो अफसर रहते हैं वे शराब पीते हैं. प्रशांत किशोर ने कहा बड़ी हास्यास्पद बात है किसी राज्य का मुख्यमंत्री किसी जिले के डीएम एसपी को बुलाकर कहते हैं कि आप कसम खाएं कि आप शराब का कारोबार करने वाले लोगों को पकड़ कर कार्रवाई करेंगे.


शराबबंदी की समीक्षा की जरूरत नहीं रद्द कर दें कानून


प्रशांत किशोर ने शराबबंदी कानून को 48 घंटे में वापस लेने की बात कही है. उन्होंने कहा कि अगले 48 घंटे में नीतीश कुमार को ये कानून वापस ले लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि पहले नीतीश कुमार ने पंचायत स्तर पर शराब की दुकानें स्थापित कराई. शराबबंदी लागू करने के बजाय सरकार को बीच का रास्ता निकालते हुए एक रेगुलेटे फ्रेमवर्क में शराब की उपलब्धता करानी चाहिए. न कि डंडे के बल पर शराबबंदी लागू करनी चाहिए. सरकार को रेगुलेटे होना चाहिए ताकि कुछ जगहों पर शराब के बिकने पीने से जो कृत्य मामले आ रहे हैं वह थम सके. इसके साथ ही सरकार को जैसे सामाजिक स्तर पर जागरूकता अभियान चल रहा वैसे ही नशा मुक्ति जागरूकता अभियान चलाने का प्रयास करते रहना चाहिए.


'नीतीश कुमार का राजतंत्र है क्या'?


नीतीश कुमार के तेजस्वी को नेतृत्व सौंपने वाले हालिया बयान पर बोलते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार का राजतंत्र है क्या? जो वह कहेंगे उनके अनुसार सब हो जाएगा. प्रशांत ने कहा कि 2025 में नहीं बल्कि नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को अभी कमान सौंप देनी चाहिए. ताकि जनता तीन साल में तेजस्वी यादव द्वारा चलाई गई सरकार का बेहतर ढंग से आंकलन कर सके और जब 2025 के चुनावों में हो तो जनता इस आधार पर वोट करें तेजस्वी यादव ने बेहतर काम किया है कि नहीं.


इसके साथ तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि अभी तेजस्वी यादव जिन विभागों को चला रहे हैं उनकी हालातों से सभी रूबरू है. पथ निर्माण, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य विभाग  जैसे विभागों के जमीनी हालत तो आपा देख रहें हैं. हमारी नीतीश कुमार से हाथ जोड़कर आग्रह है कि आप अपना पद छोड़ दीजिए और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बना दीजिए. जन सुराज पदयात्रा के 75वें दिन प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ ढाका प्रखंड के करमवा से चलकर जमुआ, पचपकड़ी, झिटकाही के देवापुर से होकर भंडार स्थित भंडार हाई स्कूल में रात्रि विश्राम के लिए पहुंचे.


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