Prashant Kishor: गया के एक होटल में जन सुराज के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार में राजनीति बंधुआ मजदूरी है. लालू के डर से बीजेपी को और बीजेपी के डर से लालू को वोट देते हैं. इससे निकलने के लिए नया विकल्प बनाना पड़ेगा. जनता मिलकर दल बनाए. पैसा और चुनाव का सारा साधन जन सुराज व्यवस्था करेगा. बिहार का नया भविष्य बनाने के लिए नया विकल्प से जुड़िए तभी यह राजनीति की बंधुआ मजदूरी खत्म होगी. 


बेलागंज और इमामगंज विधानसभा उपचुनाव पर उन्होंने कहा कि अगर जन सुराज चुनाव लड़ेगा तो दोनों विधानसभा क्षेत्र से लड़ेगा या फिर दोनो में किसी सीट से नहीं लड़ेगा. 2 अक्टूबर को दल बनना है अगर उपचुनाव की तिथि 2 अक्टूबर के बाद है तो उपचुनाव जन सुराज लड़ेगा.


तेजस्वी यादव पर जोरदार हमला


तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया था कि पैसों की वजह से लोग जन सुराज से जुड़ रहे हैं. इस पर प्रशांत किशोर ने कहा कि कुछ दिन पूर्व आरजेडी अध्यक्ष ने चिट्ठी निकाली कि पार्टी छोड़ कर जन सुराज में नहीं जाइए. आप लोग लालू यादव के सिपाही हैं. तेजस्वी यादव तो खुद अपने ही आरजेडी कार्यकर्ताओं को गाली दे रहे हैं. अपने ही नेताओं को भ्रष्ट बता रहे हैं. तेजस्वी यादव ने खुद तो राजनीति की नहीं है. बाबू जी की दुकान से राजनीति मिल गई है. बोलना कुछ चाहते हैं और बोल कुछ और जाते हैं. आरजेडी में घबराहट बढ़ी है. लालटेन से किरासन तेल गिरने लगेगा तो घबराहट तो होगी कि अब थोड़ी देर में बुझने वाला है.


आगे उन्होंने कहा कि नेशनल हाईवे और स्टेट हाइवे की सड़कों का विस्तार तो हुआ, लेकिन पंचायत स्तर पर सड़कों की हाल खराब है. बिहार के सभी पंचायतों के विकास का ब्लूप्रिंट जारी करेंगे. अगले 10 साल की योजनाओं को जारी करेंगे. रोजगार, शिक्षा, खेती की दिशा में कार्य करेंगे. बिहार से पूंजी और बुद्धि का पलायन हो रहा है. पिछले 30 वर्षो में पुंजियों का पलायन हुआ है. 2016 से बिहार में अपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं. इसका कारण शराबबंदी है जिसे लागू किया गया. पुलिस शराबबंदी लागू कराने में जुट गई है. बिना सोचे समझे ऐसी नीति बनाने से पूरी व्यवस्था खराब हो गई है.


सीएम नीतीश पर साधा निशाना


आगे चुनावी रणनीतिकार ने कहा कि जिस कांग्रेस पार्टी की बिहार में कोई औकात नहीं है वह पार्टी विशेष राज्य का दर्जा की मांग कर रही है जब यूपीए में थे तो क्यों दर्जा नहीं दिए? नीतीश कुमार के दम पर केंद्र सरकार चल रही है तो क्यों नहीं विशेष राज्य का दर्जा लिया? जनता को बेवकूफ बनाने के लिए जब होता है तो यह मांग उठाई जाती है. केंद्र पोषित योजनाओं में मिली राशि को बिहार सरकार खर्च ही नहीं कर पाती है. खर्च के लिए आए 51 हजार करोड़ रुपये केंद्र को वापस कर दिया है. अब ज्यादा पैसा केंद्र सरकार देगी तो क्या होगा? संसाधन और व्यवस्था का इस्तेमाल करने की जरूरत है. यहां तो बाल्टी में छेद है और ज्यादा पानी मांग रहे हैं. इसका कारण यह है ज्यादा पैसा आएगा तो ज्यादा लूट होगी.


आगे उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को अगर चिंता होती तो केंद्र से अपने लिए सीएम पद मांगा, एमएलसी टिकट किसको मिलेगा, जेडीयू को कितनी सीट मिलेगी इसके लिए केंद्र सरकार से मांगते हैं. उल्टा यह कह रहे हैं बिहार के आदमी दिल्ली में नहीं होगा तो वहां की व्यवस्था ठप हो जाएगी. यह कोई अभिमान की बात नहीं है.


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