Prashant Kishor Highlights: प्रशांत किशोर को पहले जेल... फिर बिना शर्त के बेल, जानिए दिन भर क्या-क्या हुआ
Prashant Kishor: प्रशांत किशोर को हिरासत में लेने के बाद पुलिस पहले एम्स पहुंची थी. इसके काफी देर बाद दोपहर में सिविल कोर्ट में पेशी कराई गई. उसके बाद उन्हें कोर्ट से काफी बहस के बाद बेल मिली.
पटना में जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को सोमवार की शाम लगभग 7 बजे बिना शर्त जमानत मिल गई है. इससे पहले बेल बॉन्ड भरने से उन्होंने इनकार दिया था, जिसके बाद कोर्ट ने लंबी बहस के बाद प्रशांत किशोर को बिना शर्त बेल दे दी.
प्रशांत किशोर को पुलिस बेऊर जेल लेकर पहुंच गई है. उन्हें जेल के अंदर पहुंचा दिया गया है, जहां उन्हें वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा. प्रशांत किशोर को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है. आज सोमवार की सुबह 4 बजे प्रशांत किशोर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. उसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्होंने कोर्ट के जरिए दी गई बेल के शर्त को मानने से इनकार कर दिया. उसके बाद कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.
एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान जन सुराज सुप्रीमो प्रशांत किशोर के समर्थन में उतरे हैं. उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर को गिरफ्तार कर सरकार ने बहुत बड़ी गलती की है, इसका खामियाजा बिहार सरकार को भुगतना पड़ेगा. नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में आंदोलन करने की सबको छूट है "क्या सरकार गंगा जल से धुली हुई है?" उन्होंने कहा कि बीपीएससी के चेयरमैन पर खुद कई आरोप लगे हुए हैं और सरकार दमनकारी नीति अपना रही है. इसे बर्दाशत नहीं किया जाएगा.
जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी पर कहा कि उनकी और उनके समर्थकों की गिरफ्तारी पूरी तरह जायज है. लोकतंत्र में अराजकता की कोई जगह नहीं है. ये पटना हाईकोर्ट के 2015 के एक आदेश के अनुकूल है. गांधी मैदान धरना की जगह नहीं है. पहले प्रशासन ने उनको चेतावनी दी नहीं मानने पर ये कार्रवाई की गई.
प्रशांत किशोर कोर्ट परिसर से बाहर निकले हैं. इस दौरान समर्थकों ने 'जय बिहार' का नारा लगाकर उत्साह बढ़ाया. प्रशांत किशोर ने सशर्त बेल लेने से इनकार किया है.
प्रशांत किशोर ने सशर्त बेल लेने से इनकार कर दिया है. उनके वकील का कहना है कि 25 हजार का पीआर बॉन्ड भरने के लिए कोर्ट की ओर से कहा गया है. इसमें कहा गया है कि भविष्य में दोबारा इस प्रकार का काम नहीं करेंगे. इस पर उन्होंने कोर्ट में ये कहा कि अगर यह हम कर देते हैं तो इसका मतलब तो ये मान लिया कि ये गलती हम लोगों ने की है. धरना प्रदर्शन करना अधिकार है. प्रशांत किशोर ने कोर्ट में कहा कि जो कंडीशन लगाया गया है वो हटा दिया जाए लेकिन नहीं माना गया. प्रशांत किशोर का कहना है कि वो पीआर बॉन्ड नहीं भरेंगे. ऐसी स्थिति में उन्हें जेल जाना पड़ सकता है.
प्रशांत किशोर को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुबह करीब चार बजे हिरासत में लेने के बाद पुलिस 5-6 घंटे इधर-उधर घुमाती रही. इसके बाद पुलिस ने फतुहा में मेडिकल कराया. यहां से पुलिस प्रशांत किशोर को लेकर पटना के सिविल कोर्ट पहुंची. यहां से प्रशांत किशोर को बड़ी राहत मिली है. उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई है. पीआर बॉन्ड पर बेल मिली है.
प्रशांत किशोर को लेकर पुलिस की टीम सिविल कोर्ट पहुंच गई है. भारी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए हैं ताकि कोई गड़बड़ी ना हो. यहां से देखना होगा कि प्रशांत किशोर को न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है या फिर कोर्ट की ओर से क्या कुछ कहा जाता है. कुछ देर में तस्वीर साफ हो जाएगी.
पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने कहा है कि 43 लोगों को हिरासत में लिया गया है. 15 गाड़ियां सीज की गई हैं. सबका वेरिफिकेशन किया जा रहा है. 43 लोगों में से 30 का वेरिफिकेशन किया गया है. इसमें से पांच लोग पटना के हैं और व्यक्ति विभिन्न जिलों से हैं. सभी पार्टी विशेष के कार्यकर्ता हैं. इसमें से चार लोग जो मिले हैं वो राज्य के बाहर के हैं. तीन यूपी के हैं और एक व्यक्ति दिल्ली का है. कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि छात्र भी हैं लेकिन जिन 30 लोगों का वेरिफिकेशन हुआ है उसमें से कोई छात्र नहीं है.
फतुहा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रशांत किशोर का मेडिकल टेस्ट कराने के बाद अब उन्हें कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा. इसकी तैयारी पटना पुलिस की ओर से हो रही है. अब तक की जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार सिविल कोर्ट में पीके को पुलिस प्रस्तुत करेगी. इसके बाद देखा जाएगा कि उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है या क्या होता है.
फतुहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रशांत किशोर को मेडिकल चेकअप के लिए लाया गया. यहां मीडिया की एंट्री नहीं थी. दूसरी ओर खबर है कि दनियावां थाने में करीब 10 से 15 की संख्या में प्रशांत किशोर के समर्थकों को गिरफ्तार कर रखा गया है. यह पटना से करीब 35 किलोमीटर दूर है.
प्रशांत किशोर को हिरासत में लिए जाने के बाद गांधी मैदान से निकलने वाले वाहनों की पुलिस ने एक-एक कर जांच की. जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जहां बैठे थे वहां आसपास में कई गाड़ियां लगी थीं. कई वाहनों पर जन सुराज का पोस्टर लगा था.
प्रशांत किशोर को लेकर पुलिस फतुहा पहुंच गई है. जन सुराज की टीम की ओर से इसकी जानकारी दी गई है. कहा गया है कि पुलिस फतुहा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पीके को पहुंची है. फतुहा में प्रशांत किशोर की मेडिकल जांच पुलिस करवा रही है.
गर्दनीबाग में धरना दे रहे जन सुराज के समर्थकों ने प्रशांत किशोर को रिहा करने की मांग की है. पूरे बिहार में आंदोलन की चेतावनी दी गई है. कहा गया है कि प्रशासन की ओर से बर्बरता की जा रही है. शांतिपूर्ण तरीके से आमरण अनशन हो रहा था.
गांधी मैदान खाली होने के बाद खबर है कि सारे गेट को बंद कर दिया गया है. प्रशांत किशोर की गिरफ्तार के विरोध में जन सुराज ने पूरे बिहार में प्रदर्शन का ऐलान किया है. दूसरी ओर बीपीएससी परीक्षा के मुद्दे पर महागठबंधन की ओर से भी आज प्रतिरोध मार्च निकाला जाना है. आरजेडी समेत अन्य सहयोगी दलों की छात्र इकाइयों के नेता सभी जिलों में प्रदर्शन करेंगे.
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों को हिरासत में लिए जाने के बाद अब गांधी मैदान पूरी तरह से खाली हो गया है. यानी गांधी मैदान स्थित जिस बापू मूर्ति के नीचे प्रशांत किशोर अपने समर्थकों और कुछ छात्रों के साथ आमरण अनशन पर बैठे थे वहां अब कोई नहीं है. यह जगह पूरी तरह से खाली हो गई है. बस कुछ कुर्सियां इधर-उधर दिखीं.
प्रशांत किशोर के खिलाफ की गई इस कार्रवाई को लेकर समर्थकों में नाराजगी देखने को मिली. समर्थकों ने एक तरफ प्रशांत किशोर जिंदाबाद के नारे लगाए तो दूसरी ओर पुलिस प्रशासन के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ भी समर्थकों की नाराजगी देखने को मिली है.
इस पूरे मामले पर आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का भी बयान आया है. उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर खा-पीकर सियासत चमका रहे थे. सरकार से मिलीभगत थी. सरकार के संरक्षण में चार दिनों से ये नाटक किया जा रहा था. पुलिस पर भी सवाल उठता है. जब प्रतिबंधित क्षेत्र था तब बैठने की इजाजत क्यों दी?
बिहार बीजेपी के प्रवक्ता नीरज कुमार का कहना है कि प्रशांत किशोर पहले छात्रों को उकसा रहे थे, लेकिन अब उन्हें कानूनी तौर पर गांधी मैदान से हटाया गया है. प्रशासन और पुलिस ने प्रशांत किशोर को पहले समझाया. नोटिस दिया. वह नहीं माने.
प्रशांत किशोर को नौबतपुर की तरफ से पुलिस पटना की तरफ बढ़ रही है. संभवतः मेडिकल जांच के लिए पुलिस ने उन्हें लेकर पीएमसीएच या एनएमसीएच जा सकती है. यह जानकारी जन सुराज की ओर से दी गई है.
जेडीयू नेता मनीष कुमार ने प्रशांत किशोर को पॉलिटिकल फ्रॉड बताया है. उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर बेबुनियाद मुद्दे को लेकर आमरण अनशन पर बैठे थे. इनके आमरण अनशन में छात्र नहीं थे, पेड वर्कर थे.
बैकग्राउंड
Prashant Kishor News: जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर को पटना पुलिस ने अवैध तरीके से गांधी मैदान में धरना-प्रदर्शन देने के मामले में गिरफ्तार कर लिया है. सोमवार (06 जनवरी, 2025) की अल सुबह काफी संख्या में पुलिस एक साथ गांधी मैदान पहुंची और बापू मूर्ति के पास से उन्हें हिरासत में लिया. यहां से पुलिस लेकर उन्हें एम्स ले गई. जैसे ही अस्पताल से पुलिस प्रशांत किशोर को लेकर निकली तो पीके के समर्थक उग्र हो गए. पुलिस किसी तरह पीके को एंबुलेंस से लेकर निकली और नौबतपुर की ओर चली गई.
पुलिस की ओर से इस मामले में साफ कहा गया है कि अवैध तरीके से धरना दिया जा रहा था. कई बार प्रशांत किशोर को नोटिस दिया गया था. पटना के गांधी मैदान थाने में उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है. जब वे नहीं माने तब उनके खिलाफ एक्शन लिया गया है. अब गिरफ्तारी के बाद उन्हें कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा. जिला प्रशासन की ओर से कहा गया है कि पीके के कुछ समर्थकों को भी गिरफ्तार किया गया है.
पीके का आमरण अनशन जारी
उधर जन सुराज की ओर से कहा गया है कि प्रशांत किशोर को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस एम्स लेकर गई, लेकिन वहां उन्हें एडमिट नहीं करा सकी. इसके बाद पुलिस उन्हें पटना से बाहर नौबतपुर इलाके की तरफ लेकर बढ़ गई. किसी अज्ञात जगह उन्हें लेकर पुलिस गई है. जन सुराज की ओर से कहा गया है कि प्रशांत किशोर का आमरण अनशन जारी रहेगा.
हालांकि नौबतपुर के बाद पुलिस पीके को लेकर फतुहा पहुंची. फतुहा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रशांत किशोर का मेडिकल कराया गया. यहां से फिर सिविल कोर्ट में पेशी हुई. कोर्ट की ओर से प्रशांत किशोर को बड़ी राहत मिली. पीआर बॉन्ड पर उन्हें जमानत मिल गई. हालांकि पीके शर्त के साथ बेल लेने से इंकार कर दिया. बाद में शाम 7 बजे तक उनको बिना शर्त बेल मिल गई.
प्रशांत किशोर के समर्थकों ने क्या कहा?
इससे पहले प्रशांत किशोर के समर्थकों ने इस पूरे मामले में पुलिस प्रशासन और सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ नाराजगी जताई. समर्थकों का कहना है कि सुबह के तीन से चार बजे के बीच में यह हुआ है. लोकतांत्रिक तरीके से हमारा धरना चल रहा था. कोई यातायात को हमने बाधित नहीं किया था. छात्रों के लिए प्रशांत किशोर अनशन कर रहे थे. पुलिस जबरदस्ती उठाकर ले गई है. तमाम छात्रों के साथ पुलिस ने मारपीट की है.
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