पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी पर शनिवार को जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा पटना में हुई बीजेपी के प्रदेश कार्यसमिति की बैठक पर कहा कि बीजेपी बिहार में आज कुछ नहीं है. आज बीजेपी की हालत ऐसी है कि बीजेपी की कमान बिहार में ऐसे व्यक्ति के पास है जिनके पिता पहले लालू यादव के मंत्री थे, फिर वो नीतीश के मंत्री हुए, उसके बाद वह मांझी के मंत्री हुए और आज कल उनका बेटा बीजेपी का उद्धार करने निकला है. 30 सालों में बिहार में जितने लोग एमएलए और एमपी बने हैं, चाहे वह जिस भी दल से बने हो वो पूरे बिहार में कुल 1200 से 1500 परिवार के लोगों के यहां से ही बने हैं.


बिहार में बीजेपी अभी भी नेता खोज ही रही है- प्रशांत किशोर 


प्रशांत किशोर ने कहा कि बीजेपी को बिहार में कोई नया आदमी नहीं मिल रहा है, उनको भी वही व्यक्ति मिला है जिनके बाप-दादा पहले किसी और दल में थे, बिहार में बीजेपी अभी भी नेता खोज ही रही है. कोई नेता उनको यहां मिल जाएं जिसके नाम पर बिहार में चुनाव लड़ा जा सके, इसी के फिराक में रहते हैं. प्रधानमंत्री के चेहरे पर जो वोट मिलता है बस वही वोट बीजेपी को मिल रहा है. बिहार में बीजेपी के किसी नेता के नाम पर पांच वोट भी नहीं है. बिहार में जिस दल की हवा उड़ती है, सब नेता उसी में आ जाते हैं. बीजेपी को बिहार में आज जो भी वोट मिलते हैं, वो मोदी के चेहरे के नाम पर, हिंदुत्व के नाम पर, राम मंदिर के नाम पर और हिंदू-मुस्लमान के नाम पर मिलता है.


ललन सिंह के भोज पर प्रशांत किशोर का हमला


मुंगेर में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के भोज पर प्रशांत किशोर ने बिहार के लोगों को सचेत करते हुए कहा है कि आज आप सब कुर्ता-पजामा पहने लोगों को देखकर गिड़गिड़ाने लगते हैं कि भैया राशन कार्ड दिलवा दो, भैया नाली बनवा दो, भैया हमारे लड़के को रोजगार दिलवा दीजिए. आप भिखारी नहीं हैं, आपके पास राजा बनाने का अधिकार है, लेकिन जब वोट देना होता है, तो उस दिन 500 रुपए लेकर मुखिया को वोट दे देते हैं. ऐसे में जब आप मुखिया से 500 रुपए लेकर वोट देंगे, तो जीतने के बाद मुखिया इंदिरा आवास के बदले 20 हजार रुपये लेगा.


'वोट के दिन बिहार के लोगों को मुर्गा-भात पर ध्यान रहता है'


आगे प्रशांत किशोर ने कहा कि वोट के दिन बिहार के लोगों को मुर्गा-भात, शराब और 500 रुपये पर ध्यान रहता है और फिर मुखिया के काम न करने पर उसको चोर बताते हैं. आप अगर पैसे के बदले अपना वोट बेचेंगे, तो आप वोट नहीं बेच रहे हैं, आप अपने बच्चों का भविष्य बेच रहे हैं. मुखिया चुनाव में 500 रुपये देते हैं और विधायक चुनाव में एक हजार रुपये देते हैं तो वही प्रतिनिधि जीतने के बाद एक हजार रुपये के बदले 20 हजार रुपये की वसूली करेगा.


ये भी पढ़ें: Bihar Politics: अश्विनी चौबे का RJD पर तंज, बोले- 'वंशवाद के कई लोग बुरी तरह फंसे..., नीतीश कुमार भूल जाते हैं कि पीएम...'