Prashant Kishor Statement: 'आरजेडी के हाथों में है नीतीश सरकार की कमान', प्रशांत किशोर बताई आने वाले दिनों में बिहार की तस्वीर
Bihar Politics: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति को लेकर काफी सक्रिय हैं. वहीं, जन सुराज पदयात्रा को दौरान उन्होंने आरजेडी पर अपराध को लेकर निशाना साधा.
पटना: जन सुराज पदयात्रा (Jan Suraaj Padyatra) के दौरान सीवान में शुक्रवार को चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने आरजेडी (RJD) पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बिहार में आरजेडी के शासनकाल में लोगों ने अपराधियों का जंगलराज देखा है. आज जब आरजेडी फिर से सत्ता में वापस आ गई है और बिहार की सत्ता की पूरी कमान आरजेडी के हाथ में चली गई है. स्वभाविक तौर पर अपराधिक घटनाएं बढ़ेगी, यह उनकी पार्टी का चरित्र है. यह 15 साल बिहार की जनता ने खुद देखा है, जब भी ये लोग सत्ता में आते हैं तो अपराध की घटनाएं बढ़ जाती है और अभी भी वही हो रहा है.
जंगलराज की वापसी हो रही है- प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने कहा कि जब से महागठबंधन बना है. इसके बाद से जनता के मन में ये चिंता बनी हुई थी कि बिहार में लॉ एंड आर्डर की स्थिती बिगड़ेगी. आज बिहार की सत्ता पूरी तरह से आरजेडी के हाथ में है इसलिए जंगलराज की वापसी हो रही है. वहीं, आगे जातीय जनगणना के सवाल पर कहा कि प्रशासनिक गतिविधि है. जातीय जनगणना का संवैधानिक आधार नहीं है. जनगणना केंद्र का विषय है तो राज्यों के पास ये अधिकार नहीं है कि वो संवैधानिक आधार पर जनगणना करा सके. बिहार सरकार ने इसलिए जो अधिसूचना जारी की है उसमें इसे सर्वे कहा गया है.
'ये राजनीतिक ध्रुवीकरण है'
आगे उन्होंने कहा कि असल मुद्दा ये है कि जो इस जातीय जनगणना को करवा रहे हैं, उनका मकसद पिछड़े वर्गों को लाभ पहुंचना नहीं है, वो तो इसके सहारे राजनीतिक ध्रुवीकरण और समाज को जातीय आधार पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं. दलितों और मुसलमानों की गणना तो आजादी के बाद से लगातार हो रही है लेकिन उनकी बदहाली किसी से छिपी नहीं है. गणना से कोई लाभ तभी होगा जब इसको आधार बनाकर पिछड़े वर्गों के लिए कोई योजना बने, जो लोग ये सोच रहे हैं कि गणना मात्र से ही उनकी स्थिति सुधर जाएगी तो ये भ्रम फैलाया जा रहा है. जातीय जनगणना के माध्यम से समाज में उन्माद फैलाकर उसका राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की जा रही है.