समस्तीपुर: जन सुराज के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) रोजगार के मुद्दे पर शनिवार को नीतीश- तेजस्वी (Tejashwi Yadav) सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने पिछले साल पटना के गांधी मैदान में 15 अगस्त को कहा था कि एक साल में दस लाख नौकरी दे दूंगा तो अब नीतीश कुमार के 15 अगस्त का वो समय पूरा हो रहा है, उन्हें ये जवाब देने की जरूरत है कि दस लाख नौकरी कहां है, ये आदमी सत्ता में रहने के लिए कुछ भी बोलने को तैयार है, जिस दिन उन्होंने घोषणा की, उसी दिन मैंने कहा था कि अगर नीतीश कुमार दस लाख सरकारी नौकरी दे देंगे तो उनके समर्थन में खड़ा हो जाऊंगा. यही नहीं उनका झंडा लेकर जीवन भर घूमूंगा. नीतीश कुमार जैसे एक सौ मुख्यमंत्री आ जाएं तब भी दस लाख नौकरी नहीं दे सकते.
रोजगार पर सीएम नीतीश से पूछे सवाल
प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार से कोई ये पूछने वाला नहीं है कि 17 सालों से आप मुख्यमंत्री हैं, नौकरी की घोषणा करने के लिए किस बात और किस समय का इंतजार कर रहे थे. वहीं, बिहार के उप मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव की बातों को गंभीरता से नहीं लेता हूं, जिस आदमी की अपनी कोई योग्यता नहीं है. अपनी पहचान नहीं है, वो कुछ भी कह सकता है, जिसके मां-बाप के राज में पूरा बिहार रसातल में चला गया, वो आदमी दावा करता है कि हम आएंगे तो दस लाख नौकरी दे देंगे. यह तो हंसने वाली बात है. तेजस्वी पूछना चाहिए कि आपके बाबूजी की सरकार 15 सालों तक थी, उसमें कितने लोगों को नौकरी दी गई, जब उस समय नहीं दिया तो आपको कौन सा नया ज्ञान हो गया है कि अब दे देंगे.
तेजस्वी पर साधा निशाना
चुनावी रणनीतिकार ने कहा कि अभी सरकार ने दावा किया है कि दो लाख नौकरी के लिए रिक्तियां निकाली है, नौकरी मिली नहीं है. पहले काम होने दीजिए. पहले पेपर लीक न हो, एग्जाम हो जाए, कोर्ट में केस न हो, बहाल हो जाए तभी न प्रचार कीजिएगा. अभी से ही प्रचार कर रहे हैं कि दो लाख रिक्तियां निकाली हैं, ये वही हैं जो कह रहे थे कि पहली कैबिनेट की बैठक में साइन करेंगे और दस लाख नौकरी मिल जाएगी. तेजस्वी का यह बयान से दिखाता है कि यह आदमी कितना अज्ञानी है. कैबिनेट में साइन होने से अगर नौकरी मिलने का कोई प्रावधान है, ये तो हमने नहीं देखा. कैबिनेट पदों के सृजन की बात कर सकती है, उसके लिए नियमावली है, सरकार की अपनी प्रक्रिया है. बिहार की जनता को उसी समय सवाल पूछना चाहिए था.
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