समस्तीपुर: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने समस्तीपुर में शनिवार को विपक्षी बैठक को लेकर महागठबंधन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बिहार में 2019 लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में कांग्रेस 10 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. अब तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार घोषणा कर दें कि कांग्रेस बिहार में कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी और कांग्रेस इस पर मान जाए. साथ में बैठकर प्रेसवार्ता करने से विपक्षी एकता अगर होनी होती तो 10 साल पहले हो गई होती. नेताओं के आपस में मिलने से विपक्षी एकता नहीं हो सकती है. मैंने भी इस क्षेत्र में 8 से 10 सालों तक काम किया है.


सीएम नीतीश को दी सलाह


प्रशांत किशोर ने कहा ऐसा तो नहीं है कि ममता बनर्जी ने कांग्रेस को कह दिया कि वो उन्हें पश्चिम बंगाल में लड़ने के लिए जगह दे देंगी. कांग्रेस ने भी नहीं कहा कि हम ममता बनर्जी के भरोसे वेस्ट बंगाल छोड़ देंगे. नीतीश कुमार जो विपक्षी एकता की बात कर रहे हैं वो बिहार का ही फार्मूला जारी कर दें कि कांग्रेस, आरजेडी और जेडीयू कितने सीटों पर लड़ेगी? महागठबंधन में बाकी अन्य जो सहयोगी दल हैं वो कितने सीट पर चुनाव लड़ेगी? कम्युनिस्ट पार्टी कितने सीटों पर लड़ेगी? बिहार में ये फार्मूला जारी कर देंगे. इसके बाद आप दूसरे राज्यों में जाएंगे तब जाकर दूसरे दल के लोग आपको गंभीरता से लेंगे.


'सीपीआई एमएल का स्ट्राइक रेट ज्यादा है'


चुनावी रणनीतिकार ने कहा कि विपक्षी एकता में होता ये है कि हर आदमी कहता है कि मैं अपनी ताकत पर चुनाव लड़ूंगा. दूसरे व्यक्ति को कहता है कि आप आपस में मिल जाएं. सीपीआई एमएल का स्ट्राइक रेट बिहार में नीतीश कुमार से ज्यादा है. नीतीश कुमार की पार्टी एक सौ दस सीटों पर लड़कर 42 सीटें जीती. वहीं, सीपीआई एमएल 17 सीटों पर लड़कर 12 जीती है, उस हिसाब से सीपीआई एमएल को ज्यादा एमपी की सीट मिलनी चाहिए. क्या नीतीश कुमार अपनी सीटें छोड़ देंगे? बात तब बनेगी न, जब आप में त्याग करने की क्षमता हो.


तेजस्वी यादव को लेकर बोले पीके


आगे प्रशांत किशोर ने कहा कि तेजस्वी यादव बोल रहे हैं यहां हम लोगों के लिए छोड़ दीजिए. सीपीआई एमएल मान जाए तब जाकर विपक्षी एकता की बात होगी. अपने घर में ठिकाना है नहीं और पूरी दुनिया में घूम रहे हैं.  एकता सिर्फ आपस में बैठने से नहीं होती है. एकता के लिए जरूरी है कि विचारधारा के स्तर पर बात हो, नैरेटिव हो, चेहरा हो, आंदोलन हो और जमीन पर काम हो तब जाकर एकता होगी.


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