पटना: जन सुराज पदयात्रा (Jan Suraaj Padyatra) के 183वें दिन रविवार को चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने विशेष राज्य के दर्जा को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग नीतीश कुमार और अन्य दल तभी करते हैं, जब उनको उसका राजनीतिक लाभ हो. नीतीश कुमार जब केंद्र के विपक्ष में होते हैं, तब वो विशेष राज्य की मांग करते हैं. नीतीश कुमार के 17 साल के शासनकाल में 15 साल वो बीजेपी (BJP) के साथ सरकार में रहे हैं और उन 15 सालों में करीब 10 साल बीजेपी केंन्द्र में रही है, उसके बाद नीतीश कुमार ये कहते हैं कि केंद्र सरकर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दे रही है.
विशेष राज्य का दर्जा से लाभ नहीं होगा- प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने से बिहार को ज्यादा लाभ नहीं होगा. बिहार में आईटी पार्क नहीं है, बिहार में चीनी मिल नहीं है, इन समस्याओं का विशेष राज्य से कोई लेना देना नहीं है. जब चंपारण और सारण प्रमंडल में 50 चीनी मिल थे, तब उस समय बिहार को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त नहीं था लेकिन आज विशेष राज्य की मांग को राजनीति से जोड़ दिया गया है.
महागठबंधन को लेकर बोले प्रशांत किशोर
चुनावी रणनीतिकार ने बिहार में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि पदयात्रा के दौरान पिछले दो महीने से कानून व्यवस्था को लेकर लोगों की चिंता के बारे में सबसे ज्यादा सुन रहा हूं. जब चंपारण से पदयात्रा शुरू हुई थी तब एक दो लोग कहते थे कि महागठबंधन के सत्ता में आने के बाद कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है लेकिन पिछले दो महीने से सुनने को मिल रहा है कि कानून व्यवस्था बहुत तेजी से बिगड़ी है. लोग सीवान और छपरा में हर दिन हत्या, लूटपाट, डकैती, रंगदारी जैसे मामले की चर्चा कर रहे हैं.
'एक सोची समझी योजना होनी चाहिए'
आगे प्रशांत किशोर ने कहा कि यदि लोग सही तरीके से वोट करते हैं और एक सही विकल्प सत्ता में आ जाता है जो बिहार के लोगों के द्वारा बनाया गया हो और उसके पास एक सोची समझी योजना होनी चाहिए. पदयात्रा के दौरान गांव-गांव से लोगों से सुझाव लेकर एक ऐसी योजना बना रहे हैं ताकि अगले 10 सालों में बिहार को देश के 10 अग्रणी राज्यों में शामिल किया जा सके.