पटना: जन सुराज (Jan Suraaj) पदयात्रा के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने मुजफ्फरपुर में गुरुवार को बिहार के संदर्भ में राहुल गांधी और कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को बिहार से क्या मतलब है? राहुल गांधी को बिहार में पिछली बार कब देखा था? बिहार के मुद्दे पर कभी बोलते हुए सुना है? कांग्रेस (Congress) ने तो 40 सालों तक बिहार को बर्बाद किया है. यही कारण है कि बिहार की जनता ने इतनी समझदारी दिखाई कि कांग्रेस को बिहार से पूरे सिरे से काटकर फेंक दिया. आज कांग्रेस का बिहार में कोई नाम निशान नहीं है.
'बिहार में कांग्रेस 1990 तक रूलिंग पार्टी हुआ करती थी'
प्रशांत किशोर ने कहा कि कई बार मुझसे पत्रकार कहते हैं कि आप कांग्रेस की शिकायत नहीं करते हैं. कांग्रेस ने जो बिहार में गलती की उसका पूरा खामियाजा उन्होंने भुगता. बिहार में कांग्रेस साल 1990 तक रूलिंग पार्टी हुआ करती थी. आज कांग्रेस का पांच प्रतिशत वोट बिहार में नहीं है. बिहार में 1990 के बाद से जो तीन दल हैं जो पिछले 32 सालों से बिहार को चला रहे हैं वो हैं लालू, नीतीश और बीजेपी तो इन तीनों पर सवाल नहीं खड़ा करेंगे तो क्या शिवसेना पर सवाल खड़ा करेंगे?
कांग्रेस पर साधा निशाना
चुनावी रणनीतिकार ने आगे कहा कि गरीब की बात करने वाले ये लोग अभी बोल रहे हैं कि कर्नाटक में महिलाओं को तीन हजार रुपये देंगे. कर्नाटक की महिला ज्यादा गरीब है या बिहार की महिला ज्यादा गरीब है? अगर कर्नाटक की महिला को तीन हजार रुपये मिलना चाहिए तो कांग्रेस के लोग बिहार में सरकार में शामिल हैं तो जरा बताइए कि बिहार की महिलाओं को क्यों नहीं एक हजार भी दिलवा रहे हैं? ये किस भ्रम में आप लोग पड़े हैं. इन लोगों से क्या सवाल करें? जो आदमी अपने जीवन में बिहार के चार जिलों का नाम नहीं जानता है उससे क्या सवाल करें?
प्रशांत किशोर के निशाने पर महागठबंधन और आरजेडी
आगे जन सुराज के सूत्रधार ने कहा कि कांग्रेस बिहार में अब कहीं है? मुजफ्फरपुर में बैठा हूं तो आप कहेंगे कि आप टिप्पणी क्यों नहीं कर रहे हैं? शिव सेना पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं, जेएमएम पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं. ये पार्टियां भी तो बिहार में चुनाव लड़ती हैं. बिहार को जेएमएम चला रही है ? बिहार को शिव सेना चला रही है? बिहार को अलग-अलगकालखंड में आरजेडी, जेडीयू और बीजेपी चला रही है. इन तीन पार्टियों से सवाल न करें तो किन पार्टियों से करें?