पटना: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) फ्लोर टेस्ट में पास हो गए. नीतीश सरकार के पक्ष में 129 वोट मिले. फ्लोर टेस्ट में पास होने के बाद एक तरफ जहां एनडीए सरकार में खुशी है तो वहीं दूसरी ओर जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने सीएम नीतीश कुमार पर तंज कसा है. फ्लोर टेस्ट के बाद पीके ने सोमवार (12 फरवरी) को बयान दिया.


बिहार में हो रही राजनीतिक उठापटक के बीच पीके ने कहा कि नीतीश कुमार को पूछता कौन है? ये तो बिहार में और बिहार के लोगों के मुख्यमंत्री हैं तो हम लोगों को बोलना पड़ता है. दूसरे राज्यों में क्या कोई संज्ञान ले रहा है कि नीतीश कुमार कौन है? आप जरा समझिए कि नीतीश कुमार किसी नेता या दल को क्या ऑफर कर सकते हैं? बिहार में नीतीश कुमार इतना बड़ा चेहरा है नहीं, न ही इनकी कोई विचारधारा रह गई है. हर 6 महीने में ये पलट जाते हैं. नीतीश कुमार का पूरे देश में नाम है पलटूराम.


'...तो पिछले दरवाजे से भाग गए'


प्रशांत किशोर ने कहा कि गवर्नेंस के तौर पर भी देखें तो सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य है बिहार. ऐसा तो होगा नहीं की केरल का कोई आदमी कहेगा कि हमें बिहार के जैसा बनाना है तो इसलिए नीतीश कुमार को नेता मान लें. नीतीश कुमार की कुल जमा पूंजी 42 विधायकों की है. न आपके पास राजनीतिक काबिलियत है न राजनीतिक इमेज है न सुशासन तो किस आधार पर आपको कोई नेता मानेगा? नीतीश कुमार ऐसे हवा हवाई किला बनाते रहते हैं. जब इंडिया गठबंधन में अपने हिस्से का उन्हें नहीं मिला तो पिछले दरवाजे से वो भाग गए.


अगले विधानसभा से पहले ये फॉर्मेशन फिर बदलेगा इसको मैं लिख कर दे देता हूं. आज जिस फॉर्मेशन में बिहार में जो व्यवस्था है जिसमें नीतीश कुमार चेहरा हैं बीजेपी सपोर्टर की भूमिका में है और दूसरे साइड आरजेडी है जिसे सपोर्ट कांग्रेस कर रही है तो मैं आप सभी को बता देता हूं कि इस फॉर्मेशन में चुनाव नहीं होगा.


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