Prashant Kishor News: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर जन सुराज पद यात्रा पर निकले हैं. वो हर दिन लोगों से मिल रहे हैं. उनकी बातों को सुन रहे हैं और साथ ही राज्य में जो स्थितियां हैं उसे लोगों को बता रहे हैं. इस दौरान वो बीजेपी, आरजेडी, जेडीयू सभी दलों की कमियों को गिनाने में लगे हैं. बुधवार को पूर्वी चंपारण के चकिया में मीडिया के साथ संवाद के दौरान पीके ने जातीय जनगणना (Caste Census) के सवाल पर हमला बोला.


प्रशांत किशोर ने कहा कि- "कोई भी ऐसी जानकारी जिससे समाज की बेहतरी के लिए सरकार की तरफ से प्रयास किया जा सके या जिससे समाज के बारे में बेहतर समझ हो, उसमें कोई दिक्कत नहीं है. उस नजरिए से जातीय जनगणना होनी चाहिए, मैं उसके पक्ष में हूं. जनगणना का कोई वैधानिक आधार नहीं है, जनता की आंखों में धूल झोंका जा रहा है. यह स्टेट विषय है ही नहीं."


पीके ने बातचीत में आगे कहा कि आज बिहार में कैटगरी चेंज करके नोनिया और बिंद समाज को एसटी हो जाने का आश्वासन सरकार की तरफ से दे दिया गया है. लोहार को एसटी हो जाने का आश्वासन दे दिया है, जबकि ये अधिकार स्टेट के अंदर आता ही नहीं है. दलितों की गणना हो रही है, उसका वैधानिक आधार है.


'नौटंकी करने के अलावा ये कुछ कर नहीं सकते'


आरजेडी ऐसा कर रही है तो हम इस पार्टी से अपेक्षा भी क्या कर सकते हैं? आरजेडी वो पार्टी है जो जात, बेवकूफी भरी बातें और नौटंकी करने के अलावा कुछ कर नहीं सकती. जिस पार्टी के शासनकाल में बिहार रसातल पर पहुंच गया और वो आज विकास की बात करती है, इससे बड़ी हास्यास्पद की बात क्या हो सकती है?


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