'243 सीट में दो तिहाई लोग ऐसे लड़ेंगे जो...', परिवारवाद के 'चक्रव्यूह' को कैसे तोड़ेंगे प्रशांत किशोर?
Prashant Kishor: प्रशांत किशोर ने एक इंटरव्यू में परिवारवाद की राजनीति पर हमला बोला है. उन्होंने बिहार में सम्राट चौधरी का उदाहरण देते हुए बड़ा हमला किया है.
Prashant Kishor News: 2025 के विधानसभा चुनाव में जन सुराज पार्टी बिहार की सभी 243 सीटों पर लड़ेगी. इस बीच जन सुराज (Jan Suraaj) के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने परिवारवाद के चक्रव्यूह को तोड़ने का प्लान बना लिया है. उन्होंने एक इंटरव्यू में परिवारवाद की राजनीति पर बोला है. इसका वीडियो जन सुराज के एक्स अकाउंट पर बीते बुधवार (21 अगस्त) को पोस्ट किया गया है.
प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछले 30 वर्ष में बिहार में जितने लोग सांसद-विधायक बने हैं चाहे वह किसी भी दल से हों, इसमें सिर्फ 1250 परिवार के लोग ही शामिल हैं दल कोई भी रहा हो. एक उदाहरण देते हुए प्रशांत किशोर ने बताया कि अभी बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी हैं. वो बीजेपी के नेता हैं. सम्राट चौधरी कौन हैं? इनके पिता हैं शकुनी चौधरी. जब कांग्रेस का राज था तो शकुनी चौधरी तो उसमें विधायक और मंत्री थे. लालू यादव का राज आया तो उसमें भी वो विधायक-मंत्री थे. जब नीतीश कुमार का राज आया तो उसमें भी शकुनी चौधरी विधायक-मंत्री बने. जब जीतन राम मांझी बने तो उसमें भी शकुनी चौधरी विधायक-मंत्री थे.
पीके ने कहा, "आज जब बीजेपी को भी बनाना हुआ तो उसको भी सामान्य कोई कुशवाहा नहीं मिला. बीजेपी को भी शकुनी चौधरी का बेटा ही मिला. तो चंद परिवारों का राजनीत पर ऐसा कब्जा है कि उससे बाहर राजनीति जाती ही नहीं है. आपको लगता है कि हम कांग्रेस को हटाकर लालू को लाएं, लालू को हटाकर नीतीश को लाएं, लेकिन उनके मंत्रिमंडल में, सरकार में या विधायक दल में वही लोग हैं जो पहले थे या उनके परिवार के लोग हैं."
जन सुराज ने चुनाव के लिए ऐसे बनाया प्लान
प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज ने तय किया है कि 243 सीटों में दो तिहाई लोग ऐसे चुनाव लड़ेंगे जो जीवन में पहले कभी नहीं लड़े हैं. इसमें ज्यादातर लोग राजनीतिक पृष्ठभूमि के भी नहीं होंगे. उन्होंने खुद ही कहा कि अब सवाल है कि शत प्रतिशत क्यों नहीं? पीके ने कहा कि इस पर भी लंबी चर्चा चली है कि इन 1250 परिवार को तो आप बैन ही कर दें. जोश में आकर लोग यह कह दे रहे हैं. हालांकि बहुत चर्चा के बाद लोगों ने यह कहा कि इसको अगर हम लोग संविधान में लिख देंगे तो उन 1250 परिवार के साथ ये नाइंसाफी हो जाएगी. उसमें संभव है कि कुछ अच्छे लोग भी होंगे. हालांकि निश्चित तौर पर दो तिहाई सीट उन लोगों को मिलेगी जो राजनीतिक तौर पर पहले चुनाव नहीं लड़े होंगे. ये बिल्कुल नए चेहरे होंगे.
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