पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने बिहार महागठबंधन सरकार के दो शीर्ष नेता नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और तेजस्वी यादव को एक चैंलेंज दे दिया है. मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने रोजगार और नौकरी से जुड़ी एक बात कही थी, उसी को आड़े हाथों लेते हुए प्रशांत किशोर ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने 10 लाख लोगों को रोजगार देने की बात कही थी. अगर ये लोग एक साल के अंदर अपनी इस बात को सच साबित कर दें और इतने लोगों को रोजगार दे दें तो उनकी समर्थन में अपनी जन सुराज पदयात्रा वापस ले लेंगे.
नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर हमला
यात्रा के दौरान ही प्रशांत किशोर ने पीसी के दौरान ये बातें कहीं हैं. कहा कि वो ऐसा कोई वादा नहीं करते हैं जो वो पूरा न कर सके. महागठबंधन में आरजेडी के नेता तेजस्वी ने कहा था कि अगर वह सरकार में आएंगे तो आते ही पहली कैबिनेट में 10 लाख लोगों को नौकरी दे देंगे. अब वह आ चुके हैं तो कितनों को नौकरी मिली? ये तो साफ ही है कि वो झूठ बोल रहे थे. इसके बाद नीतीश कुमार ने 15 अगस्त को कहा था कि वो 10 लाख लोगों को नौकरी दे देंगे. मैंने खुली चुनौती दी हुई है कि अगर दोनों भी मिलकर एक साथ एक साल के अंदर 10 लाख लोगों को नौकरी दे दें, तो प्रशांत किशोर अपना अभियान उनकी समर्थन में वापस ले लेंगे और उनके ही नाम का झंडा लेकर दौड़ेंगे.
जनता को बेवकूफ बना रहे दोनों
आगे उन्होंने कहा कि जनता को बेवकूफ बना देना, कुछ भी बिना सोचे समझे ये बातें बोल देते हैं. उनको ये चीजें पता ही नहीं है कि 10 लाख नौकरी देने का क्या खर्च होगा, इसकी क्या ही व्यवस्था की जाएगी. कहा कि गलती उनकी भी नहीं है. ये गलती जनता की है कि वो उनपर बिना कुछ सोचे समझे भरोसा कर लेती है. तेजस्वी ने घोषणा कि वो 10 लाख नौकरी देंगे तो जनता को पूछना था कि आपके पिता की सरकार थी तो उन्होंने कितने लोगों को नौकरी दी? नीतीश कुमार ने घोषणा कि तो उनको पूछना था कि बीते 17 सालों में ये जॉब क्यों नहीं दिए? अब उनके पास कोई नया खजाना आ गया है क्या? वो कहां से नौकरी देंगे.
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