'आवाज उठाना अगर गुनाह है तो…', प्रशांत किशोर नहीं लेंगे बेल, जेल में करेंगे आमरण अनशन
Prashant Kishor: प्रशांत किशोर के वकील शिवानंद गिरि का कहना है कि 25 हजार का पीआर बॉन्ड भरने के लिए कोर्ट की ओर से कहा गया है. पीके इसके लिए तैयार नहीं हैं.
Prashant Kishor News: जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर को पटना सिविल कोर्ट से सशर्त जमानत दे दी गई है, लेकिन पीके ने पीआर बॉन्ड भरने से मना कर दिया है. धरना प्रदर्शन के मामले में सोमवार (06 जनवरी, 2025) को पेशी के बाद कोर्ट की ओर से 25 हजार का पीआर बॉन्ड साइन करने के लिए कहा गया है लेकिन प्रशांत किशोर ने सशर्त जमानत लेने से इनकार कर दिया.
प्रशांत किशोर की टीम की तरफ से एक बयान जारी किया गया है. कहा गया है कि युवाओं के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ अगर आवाज उठाना अगर गुनाह है तो जेल जाना मंजूर है. जेल में भी पीके का आमरण अनशन जारी रहेगा. हालांकि प्रशांत किशोर अगर पीआर बॉन्ड साइन कर देते हैं तो वे जेल जाने से बच जाएंगे. अब देखना होगा कि अंतिम निर्णय वे क्या लेते हैं. उन्हें वकीलों की ओर से समझाया भी जा रहा है
प्रशांत किशोर के वकील ने क्या कहा?
प्रशांत किशोर के वकील शिवानंद गिरि का कहना है कि 25 हजार का पीआर बॉन्ड भरने के लिए कोर्ट की ओर से कहा गया है. इसमें कहा गया है कि भविष्य में दोबारा इस प्रकार का काम नहीं करेंगे. इस पर जवाब में उन्होंने कोर्ट में यह कहा कि अगर यह हम कर देते हैं तो इसका मतलब तो ये मान लिया कि ये गलती हम लोगों ने की है. धरना प्रदर्शन करना हमारा अधिकार है. प्रशांत किशोर ने कोर्ट में कहा कि जो कंडीशन लगाया गया है वो हटा दिया जाए लेकिन इसे नहीं माना गया. प्रशांत किशोर का कहना है कि वो पीआर बॉन्ड नहीं भरेंगे. ऐसी स्थिति में उन्हें जेल जाना पड़ सकता है.
प्रशांत किशोर ने बेल बॉण्ड भरने से किया इंकार,कोर्ट ने शर्त दी है कि बेल बॉण्ड भरेंगे तो इस तरह के विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सकते जिससे क़ानून व्यवस्था भंग हो: पीके के वकील
— Nidhi Shree (@NidhiShreeJha) January 6, 2025
pic.twitter.com/sbOWg1yO73
कितने दिनों की जेल होगी?
शिवानंद गिरी ने कहा कि जब तक वे पीआर बॉन्ड नहीं भरेंगे या नीचे का ऑर्डर रद्द नहीं होगा तब तक जेल में रहना पड़ेगा. अभी वे (प्रशांत किशोर) सलाह ले रहे हैं. समझाया जा रहा है कि ये पीआर बॉन्ड भर दिया जाए. इससे कोई नुकसान नहीं है. वे (पीके) नहीं समझ पा रहे हैं. सवाल के जवाब में कहा कि सरकारी काम में बाधा पहुंचा से संबंधित धारा लगा है. बिना अनुमति का धरना प्रदर्शन करने का मामला है. उन्होंने कहा कि अधिकतम सात साल की सजा है. हालांकि अभी सजा वाली बात ही नहीं है. वो बहुत बाद की बात है. ट्रायल होगा. गवाही होगी. इसमें बहुत लंबा समय है. दो एफआईआर हुई है.
यह भी पढ़ें- कौन है वो दबंग IPS जिसने सुबह-सुबह प्रशांत किशोर को 'उठाया'? कांपते हैं शराब माफिया