पटना: जन सुराज पदयात्रा (Jan Suraj Padayatra) के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) पर शुक्रवार को हमला करते हुए कहा कि जिन मामलों पर लालू यादव पर केस हुआ है और सजा हुई है वो आज का केस नहीं है. वह तो 30 वर्ष से ज्यादा पुराना का केस है. उस पर हर तरह की न्याय प्रकिया और जांच पूरा करने के बाद न्यायालयों ने उनको सजा दी है. न्यायालय ने उनकी हेल्थ ग्राउंड पर बाहर निकलने की इजाजत दी. ये तो न्यायिक प्रक्रिया है जिसमें जिसने भी गलती की है उसे सजा मिलेगी. इसमें हल्ला मचाने की कोई जरूरत ही नहीं है.
ये तो 30 साल पुराना मामला है- प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने कहा कि स्वाभाविक है कि जो पकड़ा जाएगा उसे कष्ट होगा और उसके बाद हल्ला मचाएगा, लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता है कि ये आज का मामला है, जिसमें ये कहा जाए कि सीबीआई उन पर दबाव बना रही है. ये तो 30 साल पुराना मामला है. सीबीआई कई बार उन सरकारों के भी अधीन रही है जिसके लालू यादव खुद उन पार्टियों के हिस्सा थे. ऐसा तो आप नहीं कह सकते हैं कि सीबीआई पक्षपाती है और लालू यादव के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. आपने अगर गलती की है तो आपको सजा आपको माननी पड़ेगी.
सीबीआई पहुंची है सुप्रीम कोर्ट
बिहार में लालू प्रसाद के मुख्यमंत्री रहते हुए पशुपालन विभाग में करोड़ों रुपये का चारा घोटाला हुआ था. ये घोटाला 1996 में सामने आया और पटना हाई कोर्ट के निर्देश पर मामला सीबीआई को सौंप दिया गया था. लालू यादव पर चारा घोटाले से जुड़े 5 मामले हैं और पांचों मामलों में वे दोषी साबित हो चुके हैं. लालू यादव को पांचवे मामले में बीते साल सीबीआई की विशेष अदालत ने पांच साल की सजा सुनाई थी. वहीं, लंबे समय से बीमार चल रहे लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट की तरफ से जमानत दी गई थी. चारा घोटाला मामले में लालू यादव की जमानत रद्द करने के लिए सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी और कहा था कि लालू यादव बैडमिंटन खेल रहे हैं. इस मामले में कोर्ट में 25 अगस्त को सुनवाई हुई. हालांकि सीबीआई की याचिका पर सुनवाई 17 अक्टूबर के लिए टाल दी गई है.
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