पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) पदयात्रा कर रहे हैं. लगातार गांवों में घूम घूम कर वे लोगों से संवाद कर रहे हैं. बता रहे हैं कि क्या सही है और क्या गलत. आरजेडी, बीजेपी, जेडीयू सबकी पोल खोल रहे हैं. सियासी गलियारे में चर्चा भी है कि आखिर राजनीति में प्रशांत किशोर करने क्या वाले हैं? अभी हाल ही में पीके की टीम में छह पूर्व आईएएस शामिल हुए हैं. अब फिर कुछ बड़ा होने जा रहा है.


रविवार (7 मई) को पटना के जनसुराज कार्यालय में बिहार के 12 रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी पीके के अभियान से जुड़ कर सदस्यता ग्रहण करेंगे. प्रशांत किशोर के साथ जुड़ने वाले ये सभी वैसे 12 आईपीएस अधिकारी हैं जो नीतीश कुमार की सरकार में और लालू-राबड़ी की सरकार में बड़े पद पर काम कर चुके हैं. अब प्रशांत किशोर के अभियान में जुड़ कर समाजसेवा करना चाहते हैं. इससे पहले दो मई को छह रिटायर्ड आईएएस अधिकारी जन सुराज अभियान से जुड़े थे. ये सभी बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित थे जो बाद में प्रमोशन होकर आईएएस अधिकारी बने थे.


पीके की टीम से जुड़ चुके हैं तीन विधान पार्षद


छह रिटायर्ड अधिकारियों में जिलाधिकारी, विभाग के सचिव एवं कैबिनेट स्तर के अधिकारी भी शामिल है. प्रशांत किशोर के साथ अभी तक तीन विधान पार्षद भी जुड़ चुके हैं. 27 अप्रैल को एक निर्दलीय विधान पार्षद प्रशांत किशोर से जुड़े थे. इससे पहले सच्चिदानंद राय भी प्रशांत किशोर के साथ शुरू दौर से ही शामिल हैं. सारण के शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से जनसुराज अभियान से समर्थन लेकर अफाक अहमद भी चुनाव जीतकर विधान पार्षद बन चुके हैं.


और खास लोगों के शामिल होने के संकेत


पीके की टीम से आईएएस, आईपीएस और विधान पार्षद के सदस्यता ग्रहण करने की खबरें लगातार आ रही हैं, लेकिन प्रशांत किशोर कई बार यह कह चुके हैं कि यह एक औपचारिक मात्र है. जनसुराज अभियान से बहुत पहले से कई आईएएस अधिकारी, आईपीएस अधिकारी, डॉक्टर, इंजीनियर और कई तरह के प्रबुद्ध लोग काम कर रहे हैं. बहुत जल्द कई डॉक्टर, इंजीनियर भी जनसुराज से जुड़ेंगे.


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