पटना: प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की जन सुराज अभियान (Jan Suraaj Abhiyan) में अब तीन विधान पार्षद शामिल हो चुके हैं. बीजेपी से बागी होकर मुजफ्फरपुर निकाय के चुनाव जीतने वाले सच्चिदानंद राय (Satchidanand Rai) पहले ही प्रशांत किशोर के समर्थन में उतर गए थे. हाल ही में सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से जनसुराज समर्थित उम्मीदवार अफाक अहमद (Afaq Ahmed) चुनाव जीतकर विधान पार्षद बन चुके हैं. अब निर्दलीय विधान पार्षद महेश्वर सिंह भी प्रशांत किशोर के समर्थन में आ गए हैं. इसको लेकर आज पटना के जनसुराज कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन किया गया, जहां तीनों विधान पार्षद ने दावा किया कि कई पूर्व आईएएस अधिकारी इसमें जुड़ रहे हैं. साथ ही कई जनप्रतिनिधि विधान पार्षद और विधायक जल्द ही प्रशांत किशोर के अभियान से जुड़ जाएंगे.


प्रशांत किशोर के अलावा कोई विकल्प नहीं- अफाक अहमद


नवनिर्वाचित विधान पार्षद अफाक अहमद ने कहा कि जनता के पास प्रशांत किशोर के अलावा कोई विकल्प नहीं है. हमने शुरुआत किया है. शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़े और मुझे जनता ने पूरा समर्थन दिया. आगामी लोकसभा चुनाव पर उन्होंने कहा कि अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी लेकिन जब प्रशांत किशोर का अभियान खत्म हो जाएगा, उसके बाद ही कुछ कहना उचित होगा. अभी 13 जिलों में अभियान बचा हुआ है, यह पूरा हो जाएगा तो लोकसभा चुनाव पर भी हम लोग काम करेंगे और मुझे उम्मीद है कि जनता का पूरा समर्थन मिलेगा.


शिक्षा में गुणवत्ता को लेकर सदन में आवाज उठाएंगे'


विधान पार्षद ने कहा कि अभी से ही सभी वर्ग के जनप्रतिनिधि एवं अन्य लोग जन सुराज से जुड़ रहे हैं और आने वाला समय में इसका असर पूरे बिहार में दिखेगा. प्रशांत किशोर के कुछ महीने के अभियान से हमारी जीत हुई है आगे इसका भरपूर फायदा मिलेगा. उन्होंने कहा कि शिक्षा के सुधार को लेकर जन सुराज जगह-जगह पर आंदोलन कर रही है. हम शिक्षक से निर्वाचित हुए हैं और शिक्षा में गुणवत्ता को लेकर हम सदन में आवाज उठाएंगे क्योंकि बिहार में अभी शिक्षा की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है.


आनंद मोहन की रिहाई जंगलराज का संकेत


इस मौके पर पहुंचे विधान पार्षद सच्चिदानंद राय ने बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई पर कहा कि महागठबंधन तो इसी के लिए बनाई गई है, यहां जंगलराज कायम करना है. तो जेल की जरूरत ही नहीं है. जेल में सभी कैदियों को छोड़ देना चाहिए. जब ऐसे ऐसे कैदियों की रिहाई होती है तो फिर जेल किस तरह की कैदी के लिए है? यह भी सरकार को बताना चाहिए. वहीं, आनंद मोहन की रिहाई मामले पर फाक अहमद ने कहा कि हम लोग शुरू से इसका विरोध कर रहे हैं, आगे भी विरोध करते रहेंगे. आनंद मोहन की रिहाई करके सरकार ने यह बताया है कि बिहार में अपराधियों का बोलबाला हो चुका है.


ये भी पढ़ें: Anand Mohan Row: 'बाहुबली' की रिहाई पर चिराग पासवान ने कर दी सवालों की बौछार, नीतीश सरकार की मंशा पर कह दी ये बड़ी बात