…तो प्रशांत किशोर को यहां से हो रही फंडिंग? बिहार में चुनाव से पहले हिला देने वाला दावा
Prashant Kishor: जेडीयू ने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के वित्तीय स्रोतों पर सवाल उठाया है. जेडीयू नेता नीरज कुमार ने प्रशांत किशोर से इस पूरे मामले पर स्पष्ट करने की मांग की है.

Prashant Kishor News: बिहार में इसी साल (2025) विधानसभा का चुनाव है और जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर भी दमखम के साथ अपने प्रत्याशियों को उतारने वाले हैं. कई बार यह सवाल उठता रहा है कि आखिर उन्हें कौन फंडिंग कर रहा है? कहां से पैसे आ रहे हैं? इस पूरे मामले में गुरुवार (06 फरवरी) को जेडीयू के नेता और प्रवक्ता नीरज कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हिला देने वाला दावा किया है.
जेडीयू ने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के वित्तीय स्रोतों पर सवाल उठाया है. नीरज कुमार ने आरोप लगाया है कि पार्टी को जॉय ऑफ लिविंग ग्लोबल फाउंडेशन से फंडिंग हो रही है. यह एक चैरिटेबल ट्रस्ट है जिसके जरिए जन सुराज को फंडिंग की जा रही है. चैरिटेबल फाउंडेशन के नाम पर राजनीतिक गतिविधियां चलाना टैक्स अनियमितता के एक बड़े मामले को जन्म देता है. इस फाउंडेशन के वित्तीय लेन-देन में भी गंभीर अनियमितताएं पाई गई हैं.
'स्वयं 50 लाख डोनेशन क्यों किया?'
नीरज कुमार ने कहा कि प्रशांत किशोर को स्पष्ट करना चाहिए कि उनकी पार्टी और इस फाउंडेशन के बीच क्या संबंध है? उन्होंने स्वयं 50 लाख डोनेशन क्यों किया? जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार पार्टी दफ्तर में यह प्रेस वार्ता कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जनता के लिए यह जानना बेहद आवश्यक है कि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी में करोड़ों रुपये का निवेश कहां से हो रहा है?
पार्टी में वित्तीय गड़बड़ी: नीरज कुमार
जेडीयू नेता ने कहा कि जन सुराज पार्टी की स्थापना 28 अगस्त 2023 को हुई जबकि इसका औपचारिक ऐलान गांधी जयंती पर 2 अक्टूबर 2024 को किया गया था. इस दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि पार्टी के पास कोई वित्तीय कमी नहीं है जबकि पार्टी के अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रामबली सिंह ने कहा कि पार्टी का बैंक खाता नहीं है. यह विरोधाभास दर्शाता है कि पार्टी में वित्तीय गड़बड़ी है.
नीरज कुमार ने कहा कि यह पहली राजनीतिक पार्टी है जो एक कंपनी द्वारा संचालित हो रही है. जन सुराज पार्टी को जॉय ऑफ लिविंग ग्लोबल फाउंडेशन से फंडिंग मिल रही है जो कंपनी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड है. फाउंडेशन ने 2023-24 के दौरान ₹48.75 करोड़ डोनेशन प्राप्त किया, जो विभिन्न कंपनियों से आया, लेकिन इन कंपनियों की पूंजी से कहीं अधिक राशि डोनेट की गई. यह गंभीर सवाल उठाता है कि क्या यह डोनेशन सही तरीके से किया गया था या इसमें कोई गड़बड़ी थी? सवाल उठाया कि क्या प्रशांत किशोर और जॉय ऑफ लिविंग ग्लोबल फाउंडेशन कंपनी के बीच कोई वित्तीय और राजनीतिक गठबंधन है?
यह भी पढ़ें- भूदेव चौधरी और उनकी पत्नी को कांग्रेस ने किया सम्मानित, राहुल गांधी के मंच पर नहीं मिली थी 'एंट्री'
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

