(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
प्रशांत किशोर खुद होंगे CM का चेहरा? आज 'जन सुराज' बनने जा रहा दल, वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में तैयारी पूरी
Prashant Kishor: प्रशांत किशोर ने दावा किया कि उनकी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलेगा और वह किसी अन्य गठबंधन से हाथ नहीं मिलाएगी. पढ़िए पीके ने और क्या कुछ कहा है.
Prashant Kishor News: जन सुराज के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर आज पार्टी का आधिकारिक रूप से ऐलान करेंगे. गांधी जयंती के मौके पर आज (02 अक्टूबर) जन सुराज दल बनने जा रहा है. इसके लिए पटना के वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में पूरी तैयारी की गई है. लाखों की संख्या में लोगों के पहुंचने का दावा किया गया है. शहर को पोस्टर-बैनर से पाट दिया गया है. पार्टी के गठन से एक दिन पहले मंगलवार को उन्होंने बड़ा बयान दिया है. क्या है वह सीएम का चेहरा होंगे? क्या चुनाव लड़ेंगे? पढ़िए पूरी खबर.
पीटीआई भाषा को दिए इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने मंगलवार को कहा कि 'शारीरिक और मानसिक रूप से' स्वस्थ नहीं होने के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का समर्थन करने के लिए बिहार में भारतीय जनता पार्टी का वही हश्र होगा, जो लालू प्रसाद को 'जंगल राज' लागू करने में मदद के लिए कांग्रेस का हुआ था. उन्होंने कहा कि बिहार अगले साल (2025) होने वाले विधानसभा चुनाव में बदलाव के लिए तैयार है.
चुनाव लड़ने की बात पर पीके ने दिया जवाब
राज्य में कई राजनीतिक पार्टियों की मौजूदगी के बीच अपनी नई पार्टी के भविष्य को लेकर किए जा रहे सवालों को खारिज कर दिया. दावा किया कि लोग दोनों प्रतिद्वंद्वी गठबंधनों को उखाड़ फेंकेंगे, जिन्होंने 30 साल से अधिक समय तक राज्य को सबसे गरीब और पिछड़ा बना कर रखा है, ताकि उनकी (किशोर की) पार्टी को 243 सदस्यीय विधानसभा में पूर्ण बहुमत मिल सके. यह पूछे जाने पर कि क्या वह चुनाव लड़ेंगे या पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनेंगे, किशोर ने कहा कि यह उन पार्टी के नेताओं को तय करना है. उन्होंने कहा, "अगर उन्हें लगता है कि उनका चुनाव लड़ना अच्छा होगा, तो वह लड़ेंगे."
इस दौरान बीजेपी पर निशाना साधते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए बिहार को परेशानी में डाल दिया है क्योंकि उसे केंद्र में सत्ता के लिए जेडीयू सांसदों के समर्थन की जरूरत है. उन्होंने दावा किया कि हर कोई जानता है कि नीतीश कुमार अपनी राजनीति के आखिरी दौर में हैं और अब उनके नाम पर चुनाव नहीं जीते जा सकते. उनके समर्थक भी जानते हैं कि उनकी वर्तमान शारीरिक, मानसिक और राजनीतिक स्थिति में वह किसी भी तरह से बिहार जैसे राज्य को चलाने की स्थिति में नहीं हैं.
दिल्ली में सरकार के लिए सीएम नीतीश जरूरी?
बातचीत में पीके ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की मजबूरी है कि दिल्ली में अपनी सरकार कायम रखने के लिए उसे बिहार में नीतीश कुमार को सत्ता में बनाए रखना है. उन्होंने कहा, "भाजपा को पता है कि अगर वह (नीतीश कुमार) सत्ता में रहे तो उसका गठबंधन हार जाएगा, लेकिन यह भाजपा की राजनीतिक मजबूरी है."
किसी से गठबंधन नहीं करेंगे प्रशांत किशोर
बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नीतीश कुमार के शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं होने के उनके दावों के बारे में पूछे जाने पर किशोर ने राज्य के कई ज्वलंत मुद्दों पर सीएम की चुप्पी का हवाला दिया. इस क्रम में उन्होंने बाढ़, भूमि सर्वेक्षण और स्मार्ट मीटर विवाद आदि मुद्दों का जिक्र किया. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि नीतीश कुमार अगले विधानसभा चुनाव में राजग का नेतृत्व करेंगे? इस पर कहा कि जेडीयू नेता का करियर खत्म होने वाला है और 2020 के चुनावों में भी लोगों ने यही संदेश दिया था, जब जेडीयू केवल 42 सीट जीत सकी थी. वह भाजपा (74) और मुख्य विपक्षी पार्टी राजद (75) से काफी पीछे थी. उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलेगा और वह किसी अन्य गठबंधन से हाथ नहीं मिलाएगी.
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