'हमारे पास प्लान B और C भी है', चीफ सेक्रेटरी से मिलने के बाद बोले मनोज भारती
मनोज भारती ने कहा कि अभ्यर्थियों को न्याय दिलाने के लिए पीके जिस तरह से संघर्ष कर रहे हैं या जो आंदोलन चल रहा है. यह उन लोगों को देखना चाहिए. अभ्यर्थियों के मसले पर उन लोगों को बातचीत करनी चाहिए.
Jan suraaj delegation met Chief Secretary: जनसुराज के अध्यक्ष मनोज भारती के नेतृत्व में बुधवार को एक प्रतिनिधिमंडल ने चीफ सेक्रेटरी अमृत लाल मीणा से मुलाकात की. मुलाकात के बाद मनोज भारती ने कहा कि अभ्यर्थियों की जो मांग है, उससे चीफ सेक्रेटरी को हम लोगों ने अवगत कराया है. आग्रह किया है कि BPSC अभ्यर्थियों के प्रतिनिधि मंडल की मुख्यमंत्री से मुलाकात करा दीजिए, ताकि अभ्यर्थी सीएम के समक्ष अपनी बात रख सकें.
मनोज भारती ने कहा कि अभी प्रशांत किशोर अस्पताल में भर्ती हैं. तबीयत उनकी गड़बड़ है. अभी भी वह अनशन पर हैं. डॉक्टरों का कहना है कि अगर उन्होंने अनशन खत्म नहीं किया तो स्थिति बिगड़ सकती है. यह बात भी मुख्य सचिव को हमलोगों ने बता दी है. समस्या का समाधान निकले यह हम लोग चाहते हैं. मुख्य मांग यही है कि BPSC 70वीं पीटी परीक्षा रद्द की जाए. पूरे बिहार में धांधली हुई है. री एग्जाम लिया जाए.
जनसुराज के अध्यक्ष ने ये भी कहा कि मांग पूरी नहीं हुई तो हम लोगों के पास प्लान B प्लान C भी है. पटना हाईकोर्ट का रुख जल्द करेंगे. उसकी तैयारी चल रही है. प्रशांत किशोर की करोड़ों की वैनिटी वैन में कई तरह के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. पटना जिला परिवहन कार्यालय ने जांच के बाद इसकी रिपोर्ट जारी कर दी है. सत्ता पक्ष विपक्षी दल सवाल खड़े कर रहे हैं. इस पर उन्होंने कहा कि मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए राजनीतिक पार्टियां इस मुद्दे को उठा रही हैं.
अभ्यर्थियों को न्याय दिलाने के लिए पीके जिस तरह से संघर्ष कर रहे हैं या जो आंदोलन चल रहा है. यह उन लोगों को देखना चाहिए. अभ्यर्थियों के मसले पर उन लोगों को बातचीत करनी चाहिए. प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों पर एक और एफआईआर दर्ज की गई है. पटना सिविल कोर्ट परिसर में हंगामा करने और पुलिस जीप पर जबरन बैठकर मीडिया को संबोधित करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.
इस पर उन्होंने कहा कि उस दौरान का जितना भी वीडियो है. सब को देखिए सच्चाई पता चल जाएगी. पीके वहां अपने समर्थकों से पुलिस को बचाने के लिए भरसक प्रयत्न कर रहे थे. वहां पर पीके ने जो भी कुछ किया उसकी पुलिस अधिकारियों ने भी सराहना की. इसलिए प्रशांत किशोर पर लांछन लगाना ठीक नहीं है.