चुनाव से पहले ही ढीली हो गई प्रशांत किशोर की जेब! 2025 में जीत के लिए फेंका '100' वाला पासा
Prashant Kishor: प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछले 10 सालों में जिन लोगों को उन्होंने मदद की उनके पैसों से जन सुराज का अभियान चल रहा था. कोई नहीं कह सकता कि वह लूटे हुए पैसों से पार्टी चला रहे हैं.
Prashant Kishor News: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर 2025 के चुनाव की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन ऐसा लग रहा है कि उनकी जेब अभी से ही ढीली हो गई है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि मंगलवार (27 अगस्त) को पीके ने अपने बयान में कहा कि वह चुनाव के लिए बिहार के दो करोड़ लोगों से 100-100 रुपये मांगेंगे. यह सिलसिला दो अक्टूबर से शुरू होगा.
जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछले 10 सालों में जिन लोगों को उन्होंने मदद की उनके पैसों से जन सुराज का अभियान चल रहा था. उन्होंने बताया कि बिहार में कोई नहीं कह सकता कि वह लूटे हुए पैसों से पार्टी चला रहे हैं. अन्य राजनीतिक दल जहां भू-माफिया और खनन-माफिया के माध्यम से लोगों को लूट कर पार्टी चला रहे हैं, वहीं हम लोगों के दिए पैसे से पार्टी चला रहे हैं.
'...तो जन सुराज के पास 200 करोड़ हो जाएंगे'
आगे पीके ने कहा कि बिहार में गरीब से गरीब व्यक्ति को भी किसी से डरने की जरूरत नहीं है. उसे चुनाव लड़ने के लिए पैसा जन सुराज की ओर से मिलेगा. प्रशांत किशोर ने कहा कि दो अक्टूबर से हम ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं कि विधानसभा चुनाव से पहले 13 करोड़ जनसंख्या वाले बिहार में सिर्फ दो करोड़ लोग 100-100 रुपये जन सुराज को दें, जिससे चुनाव लड़ा जा सके. अगर ऐसा होता है तो जन सुराज के पास 200 करोड़ रुपये हो जाएंगे.
जन सुराज में शामिल हुए देवेंद्र प्रसाद यादव
बता दें कि मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्र प्रसाद यादव जन सुराज में शामिल हो गए. उन्होंने मंगलवार को एक कार्यक्रम में जन सुराज से जुड़कर सदस्यता ली. इस मौके पर बड़ी संख्या में उनके समर्थक भी जन सुराज में शामिल हुए. देवेंद्र प्रसाद यादव पांच बार झंझारपुर से सांसद रहे हैं और अब उनका जन सुराज में शामिल होना आरजेडी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.
जन सुराज में शामिल होने पर प्रशांत किशोर ने देवेंद्र यादव का स्वागत किया और कहा कि उनके जैसे नेता और जन सुराज अभियान बिहार की राजनीति के कुम्हार के रूप में कार्य कर रहे हैं. देवेंद्र यादव और उनके जैसे अन्य लोग "अच्छी मिट्टी" हैं, जबकि जन सुराज अभियान "चाक" की तरह है, जो इन नेताओं को उचित आकार देने में मदद करेगी. उन्होंने यह भी कहा कि जब तक पंजाब और हरियाणा के लोग बिहार में काम करने नहीं आएंगे, तब तक जय प्रकाश नारायण और लोहिया का सपना पूरा नहीं होगा.
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