पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने जन सुराज पदयात्रा के 206वें दिन की शुरुआत वैशाली के पातेपुर प्रखंड अंतर्गत हरिलोचनपुर सुक्की पंचायत से की. इसके पहले उन्होंने वैशाली के अलग-अलग गांवों में पदयात्रा कर स्थानीय समस्याओं को समझा. समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करने की बात कही. मंगलवार (25 अप्रैल) को बयान जारी कर पीके ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर आरजेडी और नीतीश कुमार पर हमला बोला.
प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार क्या कर रहे हैं इस पर ज्यादा बोलने का कोई मतलब नहीं है. 2019 में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे चंद्रबाबू नायडू वो इसी भूमिका में थे जिस भूमिका में नीतीश कुमार आने का प्रयास कर रहे हैं. चंद्रबाबू नायडू उस समय बहुमत की सरकार चला रहे थे जबकि नीतीश कुमार तो 42 विधायक के साथ लंगड़ी सरकार चला रहे हैं. चंद्रबाबू नायडू भी पूरे देश का दौरा करके विपक्ष को एकजुट कर रहे थे. इसका नतीजा ये हुआ कि आंध्र प्रदेश में उनके सांसद घटकर तीन हो गए, सिर्फ 23 विधायक जीतें और वे सत्ता से ही बाहर हो गए. नीतीश कुमार को बिहार की चिंता करनी चाहिए. नीतीश कुमार का खुद का ठिकाना नहीं है, आरजेडी के जीरो एमपी हैं और वो देश का प्रधानमंत्री तय कर रहा है.
'ममता बनर्जी कांग्रेस के साथ तैयार हैं?'
पीके ने आगे कहा कि जिस पार्टी का खुद का ठिकाना नहीं है वो देश की दूसरी पार्टियों को इकट्ठा कर रहा है. नीतीश कुमार पश्चिम बंगाल दौरे पर गए तो नीतीश कुमार से ये पूछना चाहिए कि क्या ममता बनर्जी कांग्रेस के साथ काम करने को तैयार हैं? क्या नीतीश कुमार और लालू टीएमसी को बिहार में एक भी सीट देंगे? क्या नीतीश कुमार हमसे ज्यादा ममता बनर्जी को जानते हैं? पश्चिम बंगाल में नीतीश कुमार को पूछता कौन है? नीतीश कुमार का भी वही हाल होगा जो चंद्रबाबू नायडू का हुआ था.
तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि चुनाव से पहले आरजेडी ने घोषणा कर दी कि हम आएंगे तो शिक्षकों की स्थिति को सुधार देंगे. यही काम 2015 में बीजेपी ने किया था. जो विपक्ष में रहता है. वो यही काम करता है. जो कह रहा है कि 10 लाख नौकरियां दे देंगे उनसे कोई ये नहीं पूछ रहा है कि आपके ही तो माता जी और पिता जी 15 साल सरकार में थे तब क्यों नौकरी नहीं दी? अंध भक्त होकर आप किसी को वोट देंगे तो आप ठगे ही जाएंगे.
पीके ने याद दिलाते हुए कहा कि तेजस्वी यादव ने कहा था कि वो 10 लाख नौकरियां दे देंगे और पहली ही कैबिनेट में देंगे. अब आप बंगाल, उत्तर प्रदेश घूम रहे हैं और अगस्त से सरकार में भी हैं. पहली कैबिनेट की बजाय 100 कैबिनेट हो गई लेकिन अभी तक आपने नौकरियां नहीं दीं, अगर आप नौकरियां नहीं दे रहे हैं तो आप बिहार की जनता से माफी मांग लीजिए कि आप नौकरी नहीं दे सकते हैं. तेजस्वी का जीवन निकल जाएगा 10 लाख नौकरी देने में, अगर तेजस्वी खुद लालू के लड़के नहीं होते तो देश में ऐसी कोई नौकरी नहीं है, जो उनकी काबिलियत पर उनको मिल जाएगी.
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