पटना: बिहार में एक अक्टूबर को सिपाही भर्ती की परीक्षा हुई थी. परीक्षा के दौरान कई अभ्यर्थी नकल करते पकड़े गए थे. पटना के कंकड़बाग स्थित एक कॉलेज से छह अभ्यर्थी पकड़े गए तो पेपर लीक की भी खबर सामने आ गई. इसके बाद केंद्रीय चयन पर्षद ने एक तारीख को हुई दोनों पालियों की परीक्षा को रद्द कर दिया. बिहार में इस तरह नकल और पेपर लीक के मामले पर प्रशांत किशोर ने बुधवार (04 अक्टूबर) को बयान जारी कर बड़ी बात कही है.
कोई जवाबदेही तय नहीं कर रहा है: पीके
युवाओं के हक के लिए हमेशा मुखरता से अपनी बात रखने वाले जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने पेपर लीक मामले में कहा कि बिहार में यह रोजमर्रा की घटना बन गई है. पिछली बार भी जब बीपीएससी का पेपर लीक हुआ था तब बहुत सारे छात्रों ने मुझसे कहा था कि आप इस पर कुछ बोलिए या ट्वीट कीजिए, तो मैंने उस समय भी कहा था और अब भी कह रहा हूं कि पिछले 10 सालों में 60 से ज्यादा अलग-अलग परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं पर इस पर कोई जवाबदेही तय नहीं कर रहा है.
प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछली बार बीपीएससी पेपर लीक होने के बाद जिस व्यक्ति को मामले में जिसे दोषी पाया गया उसकी कुछ दिनों बाद ही बड़े मंत्रियों के साथ बड़े-बड़े फोटो अखबार में छपी. जब शिक्षा मंत्री और पूर्व शिक्षा मंत्री सबकी साठ-गांठ और फोटो छपेगी तो प्रश्न पत्र लीक नहीं होगा तो क्या होगा? बिहार में प्रश्न-पत्र का लीक होना कोई न्यूज़ नहीं है. हां! बिना प्रश्न-पत्र लीक हुए परीक्षा हो जाए, वो जरूर न्यूज़ है.
बता दें कि एक अक्टूबर को दोनों पालियों में लिखित परीक्षा में काफी संख्या में नकल करते हुए इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और चीट-पुर्जों के साथ राज्य के विभिन्न जिलों से अभ्यर्थी पकड़े गए थे. इसके बाद परीक्षा रद्द कर दी गई. वहीं सात और 15 अक्टूबर को जो परीक्षा होने वाली थी उसे भी अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है.
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