Prashant Kishor Reaction on Muslim Reservation: कई राजनीतिक पार्टियों के सलाहकार रह चुके जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर खुद पॉलिटिक्स में एंट्री मार चुके हैं. 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में वो दमखम के साथ सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने वाले हैं. इस बीच प्रशांत किशोर के एक बयान से बिहार में सियासी तूफान उठ गया है. उन्होंने मुसलमान के आरक्षण को लेकर बीते रविवार (14 जुलाई) को एक बयान दिया है.


रविवार को पटना के ज्ञान भवन में जन सुराज के एक कार्यक्रम में प्रशांत किशोर पहुंचे थे. उनके (पीके) डिजिटल साथियों की कितनी भूमिका रही है और मुसलमानों के सियासी हालात के विषय पर यह कार्यक्रम था. इस कार्यक्रम के बाद जब वह बाहर निकले तो पत्रकारों ने सवाल पूछा, "प्रशांत जी मुसलमानों के आरक्षण को लेकर क्या कहेंगे, आपको लोगों ने एनआरसी में भी सुना है, आपने अपनी बात रखी थी." इस सवाल को सुनकर पहले तो प्रशांत किशोर चुप रहे, फिर दोबारा सवाल पर कहा कि मुसलमानों को इस झगड़े में मत डालिए.


इस दौरान आगे फिर पत्रकार ने सवाल किया कि इस पर कुछ तो बोलिए. हम लोगों ने दो घंटा आपके कार्यक्रम को सुना है. प्रशांत जी... प्रशांत जी करते हुए पत्रकार चिल्लाते रहे लेकिन उन्होंने (पीके) बहुत ज्यादा कुछ इस पर नहीं कहा और वे फिर आगे बढ़ गए.


विधानसभा चुनाव में क्या है पीके की तैयारी?


दो दिन पहले प्रशांत किशोर ने अपने अभियान के दौरान दिए गए भाषण में कहा था कि 2025 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी की ओर से 75 मुसलमान को टिकट दिया जाएगा. 40 महिलाओं को भी प्रत्याशी बनाया जाएगा. अब जब पटना में मुसलमान को आरक्षण देने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने सीधे किनारा कर लिया.


बता दें कि मुसलमानों को आरक्षण देने का मुद्दा लोकसभा चुनाव में भी जमकर गर्माया था. बीजेपी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस धर्म के आधार पर मुसलमान को आरक्षण देने की बात कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उस वक्त कहा था कि कांग्रेस धर्म के आधार पर आरक्षण की बात करके अति पिछड़ा और पिछड़ों का हक छीन रही है. हालांकि लोकसभा चुनाव के बाद यह मामला ठंडा हो गया, लेकिन प्रशांत किशोर ने जैसे ही मुसलमान को अधिक टिकट देने की बात की तो अब फिर मुसलमानों के आरक्षण का मुद्दा उठने लगा है.


दरअसल, प्रशांत किशोर 2 अक्टूबर 2024 को जन सुराज पार्टी का गठन करने वाले हैं. इसकी रूपरेखा उन्होंने तैयार कर ली है. वह 2 अक्टूबर 2022 से जन सुराज अभियान चला रहे हैं. बिहार के अलग-अलग जिलों के गांवों में जाकर लोगों से मिल रहे हैं. अब देखना होगा कि 2025 में वह कितने कामयाब होते हैं.


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