पटनाः बिहार के भागलपुर में प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान बिहार के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के बयानों का ना सिर्फ जवाब दिया बल्कि एक शर्त भी रख दी. प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार कहते हैं कि 10 लाख नौकरी देंगे, अगर दे देंगे तो हम जैसे लोगों को अभियान चलाने की क्या जरूरत है? अगर 10 लाख नौकरी दे देते हैं तो उनको नेता मानकर हम जैसे 2015 में उनके लिए काम कर रहे थे फिर से उनका काम करेंगे. उनका झंडा लेकर घूमेंगे. एक साल में 10 लाख लोगों को नौकरी देकर दिखाएं.


प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार यहां के बुजुर्ग नेता हैं. वो कुछ बोलना चाहते हैं तो उनको बोलने दीजिए. व्यक्तिगत टीका टिप्पणी करना ठीक नहीं है. अगर उन्होंने कुछ कहा है तो वो उनकी सोच है. कौन बीजेपी के साथ काम कर रहा है? जहां तक मैं और आपलोग (मीडिया) जानते हैं अभी एक महीना पहले तक नीतीश कुमार बीजेपी के साथ ही थे. नीतीश कुमार अगर किसी को इस तरह का सर्टिफिकेट दे रहे हैं तो ये हास्यास्पद है.


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'पहले दे देनी चाहिए थी दस लाख नौकरी'


प्रशांत किशोर ने कहा कि क्या नीतीश कुमार को 17 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद याद आया कि 10 लाख नौकरी दी जा सकती है? पहले ही दे देना चाहिए था. उनको ए से जेड तक पता है. दूसरे को एबीसी नहीं आती है? 12 महीना में एक महीना हो गया है. 12 महीने के बाद पूछेंगे कि किसको एबीसी का ज्ञान है और किसको एक्स वाई जेड का ज्ञान है. अगर 10 लाख नौकरी दे दी गई तो मान लूंगा कि सर्वव्यापी और सर्वज्ञानी नीतीश कुमार हैं. एक भगवान ऊपर हैं और एक नीचे.


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