पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने सोमवार (12 जून) को बयान जारी करते हुए एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री पर जोरदार हमला बोला. पीके ने कहा कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर रोजगार के नाम पर लोगों को बरगलाते हैं. बिहार में व्हाइट कॉलर जो पढ़े-लिखे लोगों की जॉब है, जो टेक्नोलॉजी की जॉब है वो आ यहां आ सकती है. आज लोग बताते हैं कि बिहार में उद्योग इसलिए नहीं लग रहा है, क्योंकि इस राज्य में खनिज नहीं है.


प्रशांति कोशिर ने कहा कि आज देश में टीसीएस और इंफोसिस जैसी कंपनियां लाखों लोगों को जॉब देती हैं. इन्हें खनिज नहीं चाहिए, तो क्या हम बिहार में ऐसी आईटी कंपनियों को उद्योग लगाने के लिए नहीं बुला सकते? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पढ़े-लिखे आदमी होकर कभी-कभी हंसने वाली बात करते हैं. बोलते हैं यहां समुद्र नहीं है. पटना में सॉफ्टवेयर पार्क खोलते हैं तो इसके लिए समुद्र का क्या लेना-देना? तेलंगाना में समुद्र नहीं है, लेकिन आज वहां कर्नाटक के बाद देश में दूसरे स्थान पर सबसे ज्यादा आईटी पार्क खुल रहे हैं.


पंजाब और हरियाणा का दिया उदाहरण


पीके ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए पंजाब और हरियाणा का भी उदाहरण दिया. प्रशांत किशोर ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में भी समुद्र नहीं है पर इसके अलावा वहां के लोगों को रोजगार मिल रहा है. जनता को बरगलाने के लिए हर दो साल बाद कुछ न कुछ बोल देते हैं.


पीके ने कहा कि नीतीश कुमार जब पहले लालू के विरोध में थे तब कहा करते थे कि झारखंड का बंटवारा हो गया तो बिहार में केवल लालू-आलू-बालू बचा है इसलिए उद्योग नहीं लग रहा है. नीतीश कुमार ने इसके बाद कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल रहा इसलिए उद्योग नहीं लग रहा है. आज कल कहने लगे कि समुद्र नहीं है इसलिए उद्योग नहीं लग रहा है. बीते 17 सालों में ये अब तक तय ही नहीं कर पाए कि किन कारणों से बिहार में उद्योगों की स्थापना नहीं हो सकी.


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