समस्तीपुर: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पर शुक्रवार (11 अगस्त) को प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने तीखा हमला किया. दलितों और मुसलमानों की उपेक्षा का आरोप लगाया. प्रशांत किशोर ने जनता को समझाते हुए कहा कि बिहार के 13 करोड़ लोग जनगणना के मुताबिक देश में सबसे गरीब और पिछड़े हैं. ये जानकारी सरकार के पास है. इसे क्यों नहीं सुधारते?


पीके ने कहा कि दलितों की जनगणना आजादी के बाद से हो रही है उसकी दशा आप क्यों नहीं सुधार रहे हैं. उनके लिए आपने क्या किया? मुसलमानों की जनगणना भी हुई है उनकी हालत क्यों नहीं सुधर रही है? बिहार में आज दलितों के बाद मुसलमानों की हालत सबसे खराब है पर कोई इस पर बात नहीं कर रहा है. जनगणना कराने और उसका विरोध करने वाले लोगों से अपील करते हुए कहा कि समाज में कोई वर्ग सही मायने में पीछे छूट गया है और उसकी संख्या ज्यादा है, सरकार सर्वे करवा रही है तो करवाने दीजिए.


'जाति में आग लगाकर सेंक रहे रोटी'


चुनावी रणनीतिकार ने नेताओं पर हमला करते हुए कहा कि बिहार की सरकार जनता को उलझा रही है कि आधे लोग लग जाएं गणना के पक्ष में और आधे लोग लग जाएं गणना के विरोध में, इसके बाद कोई इसकी चर्चा कोई न करे कि बिहार में पढ़ाई हो रही है या नहीं, रोजगार मिल रहे हैं या नहीं? सब एक बार जाति में आग लगाकर अपनी रोटी सेंक कर फिर से मुख्यमंत्री बन जाएंगे.


सर्वे और जनगणना में पीके ने जमीन-आसमान का फर्क बताया. कहा कि सर्वे की कोई लीगल एंटिटी नहीं है. राज्य सरकार ने इस बात को कभी स्पष्टता से नहीं बताया कि सर्वे का जो रिजल्ट आएगा उसकी मान्यता क्या होगी? उसकी मान्यता तो कुछ है नहीं. राज्य सरकार सर्वे कभी भी करा सकती है. मान लीजिए अगर लीगल एंटिटी मिल भी गई तो जातियों की गणना मात्र से लोगों की स्थिति सुधरेगी नहीं. बता दें कि प्रशांत किशोर बिहार में पदयात्रा कर रहे हैं. शुक्रवार को वह समस्तीपुर के कसौर गांव में थे.


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