समस्तीपुर: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने मंगलवार (27 जून) को नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की राजनीतिक महत्वाकांक्षा की पोल खोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को पता था कि 2024 में लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद बीजेपी सबसे पहले उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाती और कहती कि अब हमारा मुख्यमंत्री होगा. बीजेपी की मजबूरी लोकसभा के चुनाव तक है. लोकसभा में बीजेपी एक बार जीतकर आ जाती तो उनकी सरकार दिल्ली में बन जाती. फिर उनको बिहार के मुख्यमंत्री के पद से हटा देती.
पीके ने बताया कि नीतीश कुमार ने अनुमान लगाने के बाद बीजेपी का साथ छोड़कर महागठबंधन की व्यवस्था बना ली ताकि 2025 तक वह मुख्यमंत्री के पद पर बने रहें. नीतीश कुमार ने कहा है कि अगला चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा, लेकिन लोगों को ये समझ नहीं आ रहा है वो ऐसा क्यों बोल रहे हैं. नीतीश कुमार बिना सोचे-समझे कुछ नहीं बोलते. नीतीश कुमार को न तेजस्वी से प्यार है न कभी वो आरजेडी के समर्थित हो सकते हैं.
'कौन किधर भागेगा कोई नहीं जानता'
पीके ने कहा कि आगामी दोनों चुनाव कब होंगे ये नहीं पता, लेकिन बिहार में जो आज की व्यवस्था है उस तर्ज पर नहीं होगा. कौन नेता या दल किधर भागेगा ये कोई नहीं जानता है. आज जो व्यवस्था है जिसमें छह दल एक हो रहे हैं. अगले चुनाव से पहले आप देखेंगे इसमें बड़ा परिवर्तन आएगा. इसकी झलक आपको दिख भी रही होगी. महागठबंधन को 2015 में हमने बनवाया है तो मैं जानता हूं कि इसको बनाने में क्या समस्या है और इसे चलाने में क्या परेशानी आती है. कितना समय और प्रयास करना पड़ता है.
2015 का जिक्र करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि उस समय में तीन दलों का जो महागठबंधन था उसे मैंने ही बनवाया था. 2015 में जो महागठबंधन बना था उसमें लालू और नीतीश कुमार कितनी बार मिले थे? नीतीश कुमार ने महागठबंधन क्यों बनवाया इसको समझने की जरूरत है. मुझसे दिल्ली में मिले थे जहां उन्होंने मुझे खुद महागठबंधन बनाने और उसमें शामिल होने को कहा था.
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