पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) गांव-गांव जा कर पदयात्रा कर रहे हैं. जन सुराज के तहत वह लोगों से मिल रहे हैं. हाल ही में तमिल नाडु के नाम पर कुछ वीडियो वायरल हुए थे. हालांकि बाद में इसे फेक बताया गया. इन सारे प्रकरण में प्रशांत किशोर ने कहा था कि वह सबूत लेकर आएंगे. जिसको जो भी बोलना है वह पहले बोल ले. अब पीके ने शुक्रवार को ट्विटर पर एक तमिलनाडु की पार्टी एनटीके (NTK) के नेता का वीडियो पोस्ट किया है.


प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को ट्वीट कर वीडियो पोस्ट करने के साथ ही लिखा है कि नफरत और हिंसा भड़काने के लिए फर्जी वीडियो का इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों से कानून के मुताबिक निपटा जाना चाहिए. वीडियो एनटीके (नाम तमिलर पार्टी) पार्टी के नेता सीमन का है. इसी वीडियो को पोस्ट करते हुए प्रशांत किशोर ने सवाल किया है कि इस पर कार्रवाई क्यों नहीं होती है जो खुले तौर पर तमिलनाडु में हिंदी भाषी लोगों के खिलाफ हिंसा का आह्वान कर रहे हैं.



वीडियो में एनटीके नेता ने क्या कहा?


वीडियो तमिलनाडु की स्थानीय भाषा में है. इस वीडियो के साथ ही उसका हिंदी अर्थ भी बताया गया है कि एनटीके नेता क्या कह रहे हैं. वीडियो में कहा जा रहा है कि- "हिंदी भाषी लोग, बदहवासी में अपना सामान पैक कर यहां से भागेंगे. मुझे नहीं पता मैं कितनों को पीटूंगा. एक हफ्ते के अंदर वो अपना सामान बांध लेंगे."


बता दें कि प्रशांत किशोर ने कहा था कि वह सबूत के तौर पर वीडियो जारी करेंगे. यह भी कहा था कि तमिलनाडु के डीजीपी ने भी अपने बयान में सिर्फ दो वीडियो का खंडन किया है और इसके पहले पांच वीडियो भी आए हैं. पीके का कहना है कि पिछले चार महीने से घटना हो रही है. केंद्र सरकार ने भी वीडियो जारी किया है, लेकिन बिहार के जो नेता हैं, इस घटना को गलत साबित करने में लगे हैं. कह रहे कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. अब इसी मामले में शुक्रवार को पीके ने वीडियो पोस्ट किया है.


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