Prashant Kishor: जन सुराज के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार में बदलाव की बात करते हुए बुधवार को कहा कि बिहार की जनता का मूड अगर समझा जाए तो सूबे की जनता नया विकल्प चाहती है. हालांकि, वो विकल्प कौन है अभी हाल-फिलहाल में ये नहीं बताया जा सकता है. बिहार में आप कहीं भी चले जाइए लोग नीतीश कुमार और लालू यादव के 32 सालों के शासन से इस हद तक झेल चुके हैं कि जनता का कहना है कि उन्हें नया विकल्प चाहिए. बिहार की जनता बीजेपी और महागठबंधन दोनों दलों के अलाएंस से त्रस्त है.
लोग एक नया विकल्प चाहते हैं- प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि बिहार में अगर सर्वे कराकर देखेंगे तो पचास प्रतिशत लोग एक नया विकल्प चाहते हैं, लेकिन वो विकल्प कौन होगा और कैसा होगा, इस पर व्यापक स्तर पर सकारात्मक बहस जरूर होनी चाहिए. बिहार की जनता यहां के तीनों दलों से विमुख हो चुकी है. क्योंकि पिछले दस वर्षों में यहां के लोगों की किसी भी स्तर पर तरक्की नहीं हुई है और बिहार सभी मानकों पर, चाहे शिक्षा, रोजगार और आर्थिक विकास में से किसी पर भी प्रगति नहीं कर पाया है. आज भी देश का सबसे गरीब राज्य बिहार है.
आरजेडी के लेटर पर मचा था बवाल
बता दें कि कुछ दिन पहले आरजेडी ने प्रशांत किशोर के संगठन जन सुराज को लेकर लेटर जारी किया था. इस लेटर में जन सुराज में आरजेडी नेताओं के शामिल होने को लेकर चिंता जाहिर की गई थी और ऐसे नेताओं को हिदायत भी दी गई थी. साथ ही जन सुराज को बीजेपी की बी टीम बताया गया था. इस लेटर के बाद जन सुराज और आरजेडी के बीच खूब बयानबाजी भी हुई.
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