Prashant Kishor: दिल्ली में नीतीश कुमार से हुई बातचीत का प्रशांत किशोर ने किया खुलासा, बताई CM के NDA छोड़ने की वजह
Nitish Kumar News: बिहार की राजनीति में सीएम नीतीश कुमार को लेकर कयास लगाने शुरू हो गए हैं. वहीं, इस पर प्रशांत किशोर ने सीएम से दिल्ली में हुई बातचीत को लेकर बड़ा बयान दिया.
पटना: जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने मुजफ्फरपुर में सोमवार को सीएम नीतीश के महागठबंधन में शामिल होने से पहले उनसे हुई बातचीत को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) अगस्त में महागठबंधन (Mahagathabandhan) बनाए. उससे पहले मार्च में दिल्ली आकर मेरे साथ घंटों बैठे थे. पटना में भी मिले थे, वो सिर्फ इसलिए आरजेडी (RJD) के साथ गए, क्योंकि उनके दिमाग में ये बात आ गई थी कि 2024 के लोकसभा के चुनाव के बाद अगर बीजेपी देश में जीत जाएगी तो हमको हटाकर अपना मुख्यमंत्री बना देगी. जेडीयू (JDU)के 42 विधायक थे और बीजेपी के 75 थे. इस डर से इन्होंने सोचा कि बीजेपी हमको हटाए इससे पहले हम खुद महागठबंधन बना लेते हैं कम से कम 2025 तक कुर्सी बची रहेगी.
लोकसभा तक नीतीश कुमार महागठबंधन में रहेंगे- प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने कहा कि मेरी अंतरात्मा कह रही है कि अब इन लोगों के साथ नहीं रहेंगे. सब लोग एकजुट नहीं हुए, मैंने कहा था कि सब लोग एकजुट हो जाइए नहीं हुए तो अब क्या करें? अब फिर से एनडीए में जा रहे हैं. नीतीश कुमार इस तरह की राजनीति करते रहते हैं. मैं हर दिन बताता हूं कि मुझे नहीं लगता कि वो लोकसभा से पहले छोड़कर जाएंगे. लोकसभा तक वह रहेंगे.
'ये नीतीश कुमार की राजनीति का तरीका है'
पीके ने कहा कि G20 में जो डिनर हुआ उसमें जाकर ठहाका लगा रहे थे. ये क्यों हुआ? कुछ दिन पहले कोऑर्डनेशन कमेटी की बैठक हुई उसमें उनकी पार्टी के अध्यक्ष ललन सिंह नहीं गए. किसी दूसरे आदमी को उन्होंने भेजा. ऐसा नहीं है कि नीतीश कुमार कल बीजेपी में जा रहे हैं. ये नीतीश कुमार की राजनीति का तरीका है. जो उनके साथ रहता है उनको हमेशा डराते रहते हैं कि अगर हम पर ध्यान नहीं दोगे तो हम उधर भी जा सकते हैं.
लोकसभा नतीजों के बाद नीतीश पर प्रशांत किशोर का बयान
आगे चुनावी रणनीतिकार ने कहा कि 2024 के लोकसभा नतीजों के बाद नीतीश कुमार किस दिशा में जाएंगे? ये धरती पर कोई नहीं बता सकता. नीतीश कुमार भी नहीं बता सकते हैं. उनको भी नहीं पता. सहूलियत के हिसाब से इतना बताया जा सकता है कि नीतीश कुमार की अपनी जो सहूलियत होगी जिसमें उन्हें अपना स्वार्थ दिखेगा उस दिशा में वो जाएंगे.
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