Prashant Kishor: महागठबंधन बनाने से पहले नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर से क्या कही थी बात? PK ने CM का डर बताया
Bihar Political Crisis: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति पर टिप्पणी करते रहते हैं. वहीं, वर्तमान हालत पर शनिवार को उन्होंने नीतीश कुमार को लेकर बड़ा बयान दिया.
पटना: जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने शनिवार को नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश कुमार एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और कहेंगे कि मेरी अंतरात्मा कह रही है कि अब इन लोगों के साथ नहीं रहेंगे. सब लोग एकजुट हुए नहीं, मैंने कहा था कि सब लोग एकजुट हो जाइए, नहीं हुआ तो अब क्या करें? अब फिर से बीजेपी में जा रहे हैं. नीतीश कुमार इस तरह की राजनीति करते रहते हैं. वो क्यों महागठबंधन बनाए हैं पहले ये समझिए.
नीतीश कुमार महागठबंधन बनाए अगस्त में उससे पहले मार्च में दिल्ली आकर मेरे साथ घंटों बैठे थे. पटना में भी मिले थे, वो सिर्फ इसलिए आरजेडी के साथ गए, क्योंकि उनके दिमाग में ये बात आ गई थी कि 2024 के लोकसभा के चुनाव के बाद अगर बीजेपी देश में जीत जाएगी तो हमको हटाकर अपना मुख्यमंत्री बना देंगे.
'कम से कम 2025 तक कुर्सी बचा रहेगा'
प्रशांत किशोर ने कहा कि जेडीयू के 42 विधायक थे और बीजेपी का 75 विधायक थे तो इसी डर से नीतीश कुमार ने सोचा कि बीजेपी हमको हटाए इससे पहले हम खुद महागठबंधन बना लेते हैं कम से कम 2025 तक कुर्सी बचा रहेगा. सहूलियत के हिसाब से इतना बताया जा सकता है कि नीतीश कुमार की अपनी जो सहूलियत होगी जिसमें उन्हें अपना स्वार्थ दिखेगा उस दिशा में वो जाएंगे.
मेरा मत जो पहले था वो अब भी है- प्रशांत किशोर
जन सुराज के सूत्रधार ने आगे 'इंडिया' गठबंधन को लेकर कहा कि मेरा मत जो पहले था वो अब भी है. इस तरह के गठबंधन जो बनाए जाते हैं जिसमें नेता लोग बैठकर चाय पीते हैं, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और एक इंटेंट जारी किया कि हम लोग सब साथ में हैं. इससे राजनीति की जमीनी हकीकत पर, राजनीतिक-सामाजिक स्थिति पर बहुत फर्क नहीं पड़ता है. जब तक आपके पास कोई नेरेटिव नहीं है, कोई मुद्दा नहीं है, कोई चेहरा नहीं है, काम करने का संगठन नहीं है, संसाधन नहीं है तब तक सिर्फ नेताओं के साथ बैठकर किसी गठबंधन के बना लेने से जमीन पर क्या असर पड़ेगा?
जब आप इस तरह का कोई प्रयास करेंगे और असर दिखेगा नहीं, तो भगदड़ आना और थोड़ी बहुत गिरावट आना स्वाभाविक है. आज आए या चुनाव के नतीजों के बाद आए.
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