Prashant Kishor: बिहार में शराबबंदी हटाने के साथ प्रशांत किशोर ने कर दिया एक और बड़ा ऐलान, बढ़ाई टेंशन
Prashant Kishor News: पटना के ज्ञान भवन में बिहार के रविवार को 'शिक्षा संवाद' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें प्रशांत किशोर ने अपनी बात रखते हुए बड़ा बयान दिया है.
Prashant Kishor: जन सुराज (Jan Suraaj) के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने हाल ही में दिए कई बयानों में दावा किया है कि अगर उनकी (जन सुराज पार्टी) सरकार बनती है तो वो एक घंटे में शराबबंदी कानून को प्रदेश से हटा देंगे. इससे राज्य को नुकसान हो रहा है. अब प्रशांत किशोर ने इस संबंध में एक और बड़ा ऐलान कर दिया है. इस ऐलान से तमाम पार्टियों की टेंशन बढ़ सकती है. पीके ने बताया है कि शराबबंदी खत्म करने के बाद जो टैक्स आएगा उससे वह क्या करेंगे.
जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर दो अक्टूबर को पार्टी का गठन करने वाले हैं. उससे पहले समाज के अलग-अलग वर्गों के साथ बैठकर विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं. इसी कड़ी में पटना के ज्ञान भवन में रविवार (23 सितंबर) को 'शिक्षा संवाद' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें कई शिक्षाविद शामिल हुए. यह पहली बैठक थी. 'शिक्षा संवाद' में प्रशांत किशोर ने अपनी बात रखते हुए बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि यदि राज्य की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव देखनी है तो 5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी निवेश की जरूरत होगी. यह राशि 50 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त होगी, जो अभी शिक्षा पर बिहार सरकार हर वर्ष खर्च कर रही है.
'शराब के टैक्स का उपयोग बजट में नहीं'
प्रशांत किशोर ने इस पूंजी को जुटाने के लिए एक सुझाव भी दिया. उन्होंने कहा, "शराबबंदी को हटाकर शराब के टैक्स से मिलने वाले राजस्व को अगले 20 वर्षों तक सिक्योरिटाइज किया जा सकता है. इस राजस्व का उपयोग बजट में नहीं किया जाएगा, बल्कि इसे बिहार में एक नई और सशक्त शिक्षा-व्यवस्था स्थापित करने के लिए प्रयोग में लाया जाएगा."
जन सुराज के घोषणापत्र में किया जाएगा स्पष्ट
प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि शराब के टैक्स से आने वाला पैसा नेताओं की सुरक्षा, उनके हेलीकॉप्टर या फर्नीचर पर खर्च न होकर, केवल और केवल बच्चों की शिक्षा के लिए खर्च होना चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि इस मुद्दे पर कानून में प्रावधान किया जाए और जन सुराज के घोषणापत्र में यह स्पष्ट किया जाएगा कि अगर शराबबंदी हटाई जाएगी, तो इसका पूरा राजस्व बिहार के बच्चों की पढ़ाई और राज्य के भविष्य को बेहतर बनाने में खर्च किया जाएगा.
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