मधुबनी: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) बिहार में दौरे पर निकले हुए हैं. इसी कड़ी में वे बीते रविवार को सीतामढ़ी से होते हुए मधुबनी पहुंचे हैं. बुधवार (01 नवंबर) को पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमने बिहार में 10,000 लोगों को जोड़ने का लक्ष्य रखा था, लेकिन सीतामढ़ी से आने तक करीब 55 हजार लोग जन सुराज के साथ जुड़ना चाहते हैं. अभी हर प्रखंड से करीब 2-3 हजार लोग जन सुराज से जुड़ना चाहते हैं. बिहार के लोग सब जानते हैं, लोग को वो बताने की जरूरत नहीं है. इस दौरान पीके ने बिहार में हुई शिक्षक भर्ती को लेकर बड़ा दावा किया है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार (02 नवंबर) को नवनियुक्त शिक्षकों को पटना के गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र सौंपने वाले हैं. प्रशांत किशोर ने खुलासा करते हुए कहा कि नियुक्ति कोई बढ़ाई नहीं गई है. पहले से नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी बनाने का काम हो रहा है. सरकार से ये सवाल पूछा जाना चाहिए कि बिहार में 1 लाख 25 हजार लोगों में बिहार के कितने नए लोगों को नौकरी मिली? उन नए लोगों में बिहार के कितने लोग हैं?
मुश्किल से मिली 20-25 हजार युवाओं को नौकरी: पीके
प्रशांत किशोर ने कहा कि ये पहले से नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी बनाने के लिए कुछ लोगों को अपग्रेड किया जा रहा है. 1 लाख 25 हजार लोगों में बिहार के कितने नए अभ्यर्थियों को रोजगार दिया जा रहा है ये सूची सरकार को जारी करनी चाहिए. बिहार के नए युवाओं में मुश्किल से 20-25 हजार नए युवाओं को ही नौकरी मिली है. सरकार को नियुक्ति पत्र देने दीजिए. इसकी संख्या मैं दो से चार दिनों में जारी करूंगा.
पीके ने कहा- 'डर के नाम पर वोट मत करें'
आगे प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जनता कभी जात-पात के नाम, कभी धर्म के नाम पर, कभी पुलवामा के नाम पर, लालू यादव से डर कर बीजेपी को, बीजेपी के डर से लालू यादव को वोट देते आई है. विकल्प न रहने पर लोग वोट करते हैं. आप अपना वोट शिक्षा, रोजगार, खेती के नए अवसर के लिए दें.
उन्होंने कहा कि जन वितरण प्रणाली में अनाज कम मिल रहा है. स्थानीय विधायक से लेकर सबका कमीशन है. मनरेगा में कोई सक्रिय काम नहीं दिख रहा. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के 1 लाख 24 हजार लोगों को इसका लाभ मिलना था, लेकिन वो नहीं हुआ. स्वास्थ्य व्यवस्था प्राइवेट के जिम्मे है. सरकार का कुछ अभी तक नहीं दिखा. मधुबनी की सभी पंचायत घूमने के बाद यहां की स्थिति पर विशेष बात करूंगा. अभी जातीय सर्वे हुआ है इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. अगर सरकार उसके डेटा का सही आकलन कर इस्तेमाल करे तो कोई दिक्कत नहीं है.
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पर हमला करते हुए पीके ने कहा कि सरकार के 60% बजट के मालिक दो लोग नीतीश और तेजस्वी हैं. सबसे पहले आप अपना विभाग छोड़िए, दूसरों को दीजिए. जेडीयू को लोकसभा में पांच सीट नहीं आएगी ये मैं लिख कर दे सकता हूं. तेजस्वी के पिता के समय से जापान देश है कोई आज नहीं बना है. कुछ लेकर आएं तो अच्छी बात है.
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