आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर, BPSC की 70वीं पीटी परीक्षा रद्द करने की मांग
BPSC Protest: प्रशांत किशोर ने 48 घंटे का अल्टीमेट दिया था. उन्होंने कहा था कि अगर बीपीएससी पीटी परीक्षा रद्द नहीं हुई तो वे फिर से 2 जनवरी से धरना पर बैठेंगे. इसके बाद उन्होंने धरना शुरू कर दिया.
Prashant Kishor News: बीपीएससी छात्रों को लेकर जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर गांधी मैदान में गांधी प्रतिमा के सामने गुरुवार (02 जनवरी) को आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. उन्होंने BPSC 70वीं पीटी परीक्षा रद्द करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि जबतक मांग पूरी नहीं होगी तब तक अनशन पर बैठे रहेंगे. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में पूरी शिक्षा व्यवस्था चौपट है. एक के बाद एक अलग अलग परीक्षाओं का पेपर लीक हो रहे हैं. डोमिसाइल नीति लागू हो.
प्रशांत किशोर ने कहा, ''मैं यहां बिहार के युवाओं के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ, भ्रष्ट प्रतियोगिता परीक्षा के खिलाफ, ध्वस्त शिक्षा व्यवस्था के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठा हूं. जब तक युवाओं के साथ न्याय नहीं होता यहीं बैठा रहूंगा.''
BPSC में भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच हो- प्रशांत किशोर
पांच सूत्री मांगों के साथ धरने पर बैठे प्रशांत किशोर ने आरोप लगाते हुए कहा, ''आधी से ज्यादा सीटों पर पहले ही सौदा हो चुका है.'' उन्होंने BPSC में अनियमितता और भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच और फिर से एग्जाम की मांग की. प्रशांत किशोर ने कहा, ''सरकार 2015 सात निश्चय के तहत बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दे.''
दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई हो- प्रशांत किशोर
उन्होंने कहा, ''पिछले 10 वर्षों में प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई अनियमितताओं, पेपर लीक की जांच और दोषियों पर की गई कार्रवाई पर श्वेत पत्र जारी हो. लोकतंत्र की जननी बिहार को लाठी तंत्र बनाने वाले दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए. बिहार की सरकारी नौकरियों में बिहार के युवाओं की कम से कम दो तिहाई हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए डोमिसाइल नीति लागू की जाए.''
प्रशांत किशोर ने 48 घंटे का दिया था अल्टीमेटम
जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था. उन्होंने कहा था कि अगर बीपीएससी पीटी परीक्षा रद्द नहीं हुई तो वे फिर से 2 जनवरी से धरना पर बैठेंगे. इसके बाद आज जब सरकार की ओर से कुछ कदम नहीं उठाया गया तो उन्होंने अपने वादे के मुताबिक गुरुवार से धरना शुरू कर दिया.
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