Teachers Day: मधुबनी की टीचर डॉ. मीनाक्षी कुमारी को मिलेगा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, राष्ट्रपति करेंगी पुरस्कृत
Madhubani News: शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए भारत सरकार ने मधुबनी के शिवगंगा बालिका प्लस टू स्कूल की शिक्षिका डॉ. मीनाक्षी कुमारी को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चुना है.
Teachers Day: मधुबनी नगर निगम क्षेत्र के शिवगंगा बालिका प्लस टू विद्यालय की शिक्षिका डॉ. मीनाक्षी कुमारी को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार मिलेगा. मीनाक्षी कुमारी को 5 सितंबर 2024 को दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुरस्कार देंगी. मंगलवार को घोषणा के बाद शिक्षक कॉलोनी संतुनगर में उनके घर पहुंचकर लोगों ने बधाई दी.
शिक्षा मंत्रालय ने किया चयन
2024 के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए बिहार के दो शिक्षकों का चयन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने किया है. देश भर के 50 शिक्षकों का चयन राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए किया गया है, जिसकी सूची मंगलवार की शाम को जारी की गई है. शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ठ योगदान के लिए शिक्षकों को यह सम्मान दिया जाता है. इस वर्ष इसमें मधुबनी जिले के शिव गंगा बालिका प्लस टू स्कूल की शिक्षिका डॉ. मीनाक्षी कुमारी और कैमूर जिले के तरहनी न्यू प्राथमिक स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक सिकेंद्र कुमार सुमन शामिल हैं. दिल्ली के विज्ञान भवन में शिक्षक दिवस के मौके पर इन शिक्षकों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुरस्कृत करेंगी.
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार में क्या-क्या मिलता है?
बता दें कि राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाले शिक्षकों को प्रशस्ति-पत्र, एक रजत पदक और 50 हजार नकद दिया जाता है. बिहार से शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए छह शिक्षकों के नाम को भारत सरकार के पास भेजा था जिनमें से दो शिक्षकों का चयन राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए हुआ, लेकिन चार शिक्षकों का चयन राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए नहीं हुआ है उन चार शिक्षकों को बिहार सरकार राज्य पुरस्कार से सम्मानित करेगी.
सामाजिक मुद्दों पर करती हैं जागरूक
डॉ. मीनाक्षी महिलाओं में कविताओं के माध्यम से आत्मनिर्भरता होने की सोच, दहेज प्रथा व बाल विवाह आदि के संबंध में छात्राओं को जागरूक कर रही हैं. उन्होंने बच्चियों के लिए 'खुद भी पढ़ो, औरों को भी पढ़ाओ' अभियान चलाया है. सैकड़ों छात्राएं इस अभियान से जुड़ीं और छात्राएं खुद भी शिक्षित हुईं. डॉ. मीनाक्षी ने बताया कि अपने परिवार की बड़ी बेटी होने के नाते मेरे पिता का सपना था कि मैं समाज के लिए खास करूं और यही संस्कार मैंने अपने अंदर कायम रखने का प्रयास किया है.
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