Bihar Elections 2025: बिहार में ऐसे तो विधानसभा चुनाव अगले साल होने वाले हैं, लेकिन सभी राजनीतिक दलों ने अपने फायदे को लेकर रणनीतियां बनानी शुरू कर दी हैं. हाल ही में आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव ने 'इंडिया' गठबंधन में नेतृत्व को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का समर्थन किया तो अब कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव में 70 सीटों की मांग कर दबाव बढ़ा दिया है.
लालू यादव के बयान के क्या हैं मायने?
दरअसल, इन दोनों बयानों को दबाव की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है. आज लालू यादव भले ही ममता बनर्जी के नेतृत्व का समर्थन कर रहे हों, लेकिन यह वही लालू यादव हैं जिन्होंने 'इंडिया' गठबंधन में राहुल गांधी को 'दूल्हा' बनाने की बात कही थी. इसलिए उनके ताजा बयान के मायने निकाले जाने लगे हैं.
माना जाता है कि लालू भले ही राजनीति में उतने सक्रिय नहीं हों, लेकिन अब भी मानसिक तौर पर दबाव बनाने से नहीं चूकते. हाल में ही जिस तरह चार विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनाव में महागठबंधन के प्रत्याशी चारों खाने चित हुए और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति बेहतर हुई है, उससे लालू को भय है कि कांग्रेस उन पर हावी होगी. आरजेडी कांग्रेस को राष्ट्रीय नेतृत्व के मुद्दे पर पहले ही उलझा कर रखना चाहती है.
बिहार की राजनीति के जानकार अजय कुमार कहते हैं कि लालू यादव राज्य की राजनीति और कांग्रेस की नब्ज पहचानते हैं. चुनाव को लेकर अभी ही कांग्रेस पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. वह जानते हैं कि कांग्रेस को नेतृत्व के मुद्दे पर ही फंसाए रखा जाए. कांग्रेस किसी भी हाल में नेतृत्व के मुद्दे पर समझौता नहीं करेगी.
विधानसभा चुनाव में 70 सीटों की मांग
दूसरी ओर कांग्रेस ने भी अपने तेवर दिखाए हैं. बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने आगामी विधानसभा चुनाव में 70 सीटों की मांग कर दी है. इस बीच, कांग्रेस इन दिनों अपने संगठन को भी मजबूत करने में जुटी है, जिससे उनके जमीनी संगठन पर सवाल उठाने का मौका राजद को नहीं मिल सके. उल्लेखनीय है कि पिछले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस 70 सीटों पर ही चुनाव लड़ी थी, जिसमें 19 पर जीत मिली थी.