आराः बिहार में कोविड गाइडलाइन का हवाला देकर मंदिरों को बंद रखा गया है. प्रसिद्ध आरण्य देवी मंदिर के मुख्य द्वार पर पुजारी आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. बीते सोमवार के साथ आज मंगलवार को भी कुछ ऐसी ही तस्वीर सामने आई है. पुजारियों का कहना है कि बाजारों में सारे दुकान व बड़े-बड़े प्रतिष्ठान खुले हैं. वहां हर दिन हजारों की भीड़ लगती है. ऐसे में मंदिरों में पूजा-पाठ पर रोक लगा देना पूरी तरह से अनुचित कदम है.
दरअसल, भोजपुर के डीएम और पुलिस अधीक्षक ने राज्य से मिले निर्देश के बाद कोविड-19 का हवाला देते हुए सभी धार्मिक स्थलों पर पूजा आदि पर रोक लगा दिया है. जिला प्रशासन ने जिले वासियों से सावन के दौरान घरों में ही पूजा करने की अपील की है. मंदिरों के आसपास किसी भी प्रकार की दुकान लगाए जाने पर भी रोक है ताकि भीड़ नहीं लगे.
सरकार गाइडलाइंस के साथ मंदिरों को खोले
सावन की पहली सोमवारी के दिन यहां भारी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे थे. वहीं भक्तों को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने सुबह से आरण्य देवी मंदिर को बंद करवा दिया जिससे भक्त और पुजारी आक्रोशित हो गए. आरण्य देवी मंदिर के पुजारी महंत मनोज बाबा ने कहा कि सरकार अपनी गाइडलाइंस के अनुसार मंदिर खोलने का निर्देश जारी करे, जिसका अनुपालन करते हुए हम मंदिर खोल सकें.
कहा कि हर जगह नेताओं का सम्मेलन चल रहा है जहां सैकड़ों भीड़ इकट्ठा हो रही है उस जगह पर कोरोना वायरस नहीं फैल रहा है, लेकिन मंदिरों में कोरोना वायरस फैल रहा है. दो साल से सरकार ने मंदिरों को बंद कर रखा है. हम सभी पुजारी सोशल मीडिया से पिछले कोरोना महामारी के दौरान लोगों को घर में रहने की अपील कर रहे थे. लेकिन अब हमारी मांग है कि जल्द मंदिरों को खोलने का निर्देश दिया जाए. नहीं तो हम सभी अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे. बता दें कि आरण्य देवी मंदिर का महत्व बहुत ही पुराना है. यहां काफी मन्नतें लेकर भक्त आते हैं.
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