कैदी ने पेश की मिसाल, अपनी परवाह किए बगैर बचाई पुलिस जवानों की जान, जानें क्या है पूरा मामला
हादसे के बाद घटना की जानकारी बैकुंठपुर थाने को दी गई, जिसके बाद पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी. वहीं, पुलिसकर्मियों ने कैदी की इंसानियत की सराहना की.
गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले में हैरान करने वाला मामला सामने आया है. मामला गोपालगंज के बढ़ेया गांव के समीप एनएच-27 का है, जहां शुक्रवार को कैदी को लेकर जा रही ऑटो दुर्घटनाग्रस्त हो गई. हादसे में पुलिस जवान घायल हो गए. वहीं, कैदी को भी हल्की चोट आई. लेकिन मौके का फायदा उठाकर भागने के बजाय उसने आसपास के लोगों से मदद मांग कर घायलों को अस्पताल पहुंचाया, जहां उनका इलाज किया जा रहा है.
अनियंत्रित होकर पलट गई ऑटो
दरअसल,बैकुंठपुर थाने की पुलिस ने बनौरा गांव में छापेमारी कर शराब तस्करी के मामले में उमेश यादव नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था. शुक्रवार को बैकुंठपुर थाने के सिपाही अमरनाथ चौबे और चौकीदार हरेंद्र राय ऑटो से आरोपित उमेश यादव को जेल भेजने के लिए कोर्ट में लेकर जा रहे थे. रास्ते में बरौली थाने के बढ़ेया ओवरब्रिज के पास ऑटो अनियंत्रित होकर पलट गई.
हादसे में पुलिसकर्मी और चालक गंभीर रूप से घायल हो गए. कैदी को भी हल्की चोट आई. लेकिन, भागने के बजाय उसने ऑटो से दबकर दर्द से कराह रहे पुलिसकर्मियों को उठाया. इधर, आसपास के लोगों ने इसकी सूचना बरौली थाने की पुलिस को दी. बरौली पुलिस की मदद से दूसरी गाड़ी से घायलों को इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचाया गया.
हादसे के बाद इसकी जानकारी बैकुंठपुर थाने को दी गई, जिसके बाद पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी. वहीं, पुलिसकर्मियों ने कैदी की इंसानियत की सराहना की. समाचार लिखे जाने तक घायलों का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा था.
हथकड़ी लगाकर किया जा रहा था इलाज
सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में लापरवाही सामने आई. बरौली एयर बैकुंठपुर थाने की पुलिस के पहुंचने के बाद घायल कैदी का इलाज हथकड़ी लगाकर किया जा रहा था. इमरजेंसी वार्ड के शल्य कक्ष में इलाजरत कैदी की नजर डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों की पड़ने के बाद भी हथकड़ी को खोलकर इलाज नहीं किया गया.
कैदी ने कही ये बात
सदर अस्पताल में इलाज कराने के बाद घायल कैदी ने उमेश यादव ने डॉक्टर से कहा, " साहब, मैं निर्दोष हूं, पुलिस ने मुझे जानबूझकर फंसाया, इसलिए हादसे के बाद भागने की बजाय मैंने पुलिसकर्मियों को अस्पताल पहुंचाया और अपना फर्ज निभाया.' इधर, इस मामले में एसडीपीओ नरेश पासवान ने कहा कि हादसा कैसे हुआ इसकी जांच की जा रही है. बैकुंठपुर थानाध्यक्ष को सदर अस्पताल भेजा गया है. कैदी और पुलिसकर्मी खतरे से बाहर हैं.
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