नवादा: बिहार के नवादा जिला स्थित मंडल कारा प्रदेश का पहला ईट राइट कैंपस (Eat Right Campus) बन गया है. बंदियों को गुणवत्तापूर्ण भोजन देने और खाद्य सामग्रियों के बेहतर रखरखाव के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने मंडल कारा प्रबंधन को ईट राइट कैंपस का प्रमाण पत्र प्रदान किया है. फूड एंड सेफ्टी विभाग के अभिहित पदाधिकारी मुकेश कश्यप ने इसकी पुष्टि की है.
कई घंटों चला था निरीक्षण
उन्होंने भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा चयनित आडिट एजेंसी मेसर्स भारत एग्रो इंटरप्राइजेज इंदौर के प्रतिनिधि के साथ नवादा मंडल कारा का निरीक्षण किया था. कई घंटों के निरीक्षण में बंदियों को दिए जाने वाले भोजन, रखरखाव, किचन, फूड स्टोरेज, पेयजल संसाधन, आउट सोर्सिंग आदि की गहन जांच की गई थी, जिसके बाद निर्धारित मानकों के अनुसार रोस्टरवार दस्तावेज तैयार किया गया था.
ध्यान देने वाली बात है कि सूबे के बदनाम जेलों में शुमार नवादा मंडल कारा को ईट राइट कैंपस बनाने के लिए जेल अधिकारियों ने काफी मेहनत व प्रयास किया है. डीएम यशपाल मीणा का भी सहयोग रहा है. जेल अधीक्षक अभिषेक कुमार पांडेय ने अहर्ता के लिए सभी प्रक्रियाओं को पूरा किया. कई माह से जारी तैयारियों का परिणाम सामने आया है.
प्रबंधन की ओर से की गई थी तैयारियां
बता दें कि कारा के पानी का दो लैब में जांच कराया गया था. किचन में भोजन तैयार के लिए गैस आपूर्ति का पाइप लाइन बनाया गया. किचन शेड, फर्श, स्टोरेज आदि निर्धारित मानकों के तहत तैयार किए गए. एल्युमिनियम के बर्तन किचन से बाहर कर दिए गए थे. शाकाहारी व मांसाहारी बंदियों के भोजन के लिए अलग व्यवस्था की गई थी.
मालूम हो कि मंडल कारा नवादा काफी बदनाम रहा है. जब कभी छापेमारी होती है तो मोबाइल सहित अन्य आपत्तिजनक सामग्रियों की बरामदगी होती है. आलम ये कि यहां के काराधीक्षक तक सस्पेंड हुए हैं. जेल की व्यवस्था को सुधारने के लिए यहां कड़क ऑफिसर अभिषेक कुमार पांडेय को काराधीक्षक बनाकर भेजा गया है, जिसका परिणाम सामने आया है.
2018 में मिशन की हुई थी शुरुआत
बंदियों को स्वास्थ्य अनुकूल स्वच्छ व पौष्टिक आहार की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए मानव संसाधन व परिवार कल्याण मंत्रालय और भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण द्वारा ईट राइट इंडिया मिशन के तहत ईट राइट कैंपस की शुरुआत साल 2018 में की गई थी. इसके तहत वैसे संस्थानों का चयन किया जाता है, जहां इस अभियान के मानकों के अनुसार आहार वितरण प्रणाली को अपनाया जाता है.
(नवादा से अमन राज की रिपोर्ट)
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